Blog

साधु संतों के सानिध्य में 40 लाख आहुतियों के साथ हवनात्मक महायज्ञ की पूर्णाहुति….संतों का कार्य समाज और सनातन धर्म के लिए: स्वरूपादास महराज

सनातन धर्म के लिए 500 सौ वर्षों के संघर्ष का परिणाम है अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा उत्सव

पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 161 दिनों तक महायज्ञ का आयोजन

खासखबर बिलासपुर। श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 18 जून से प्रारंभ हवनात्मक महायज्ञ की साधु संतों के सानिध्य में 40 लाख आहुतियों के साथ 27 नवंबर को पूर्णाहुति हुई । पीतांबरा पीठ के आचार्य डॉ दिनेश महराज ने बताया कि 161 दिनों तक चले इस हवनात्मक महायज्ञ का उद्देश्य सनातन धर्म का विस्तार, धर्म के प्रति विश्वास, अखंड भारत और विश्व कल्याण की कामना को पूर्ण करना था।


अखिल भारतीय धर्म समाज के प्रमुख डॉ दिनेश महराज ने बताया कि परमगुरु शारदानंद सरस्वती की स्मृति में प्रारंभ महायज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत उनकी पुण्यतिथि पर संतों के समागम के साथ कन्या पूजन और भंडारा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पधारे महामंडलेश्वर स्वरूपादास महराज ने कहा कि संतों का कार्य समाज और सनातन धर्म के बचाव के लिए होता है। 500 वर्षों से सनातन की स्थापना का संघर्ष परिणाम अब राम जन्मभूमि के रूप में पूर्ण हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष को विजय उत्सव के रूप में मनाने अयोध्या में महा बैठक का आयोजन किया गया। इस विजय उत्सव में सभी की सहभागिता बने इसकी तैयारी पर चर्चा की गई।
अपना गांव अयोध्या धाम
स्वरूपादास महराज ने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर जन जन और घर घर में उत्सव मनाया जाए। इस दिन घर व मंदिरों में कम से कम 11 दीए अवश्य जलाएं। अपने घर अपने गांव को अयोध्या धाम बनाएं। 500 साल बाद आए स्वर्णिम दिवस को दिवाली की तरह मनाएं।
अयोध्या की गलियां, सड़कें सब बदली
शारदानंद सरस्वती महराज ने बताया कि अयोध्या की संकरी गलियां, सड़कें, नक्शा, नमूना सब बदल गया है। भगवान राम के प्राणप्रतिष्ठा के लिए बन रहा भव्य कारीडोर और क्षेत्र के लोगों में खुशी देखते ही बनती है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का कुछ कार्य दो महीने बाद पुनः प्रारंभ होगा।

प्राणप्रतिष्ठा में सिर्फ 7 हजार लोग ही होंगे शामिल
महराज श्री ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा के उत्सव में सिर्फ 7 हजार लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गई है। पहले दिन अन्य लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है उस दिन अयोध्या जाने की योजना न बनाएं।
छत्तीसगढ़ से 4 फरवरी को जाएंगे श्रद्धालु, 6 को होंगे दर्शन
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री ने बताया कि 27 जनवरी के बाद अयोध्या दर्शन के लिए देश के सभी प्रांतों के लिए तिथि और संख्या तय की जाएगी। न्यास की ओर से 45 दिनों तक श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु 4 फरवरी को अयोध्या के लिए रवाना होंगे, 5 को पहुंचेंगे और 6 फरवरी को भगवान के दर्शन करेंगे। मार्च के बाद आम जन मानस दर्शन कर सकेंगे।
जनवरी में घर-घर देंगे न्योता
आचार्य दिनेश महराज ने बताया कि 1 से 10 जनवरी तक घर-घर जाकर लोगों को इस उत्सव में शामिल होने निमंत्रण दिया जाएगा। उन्होंने बताया की 1 दिसंबर को रायपुर में अक्षत प्रारंभ किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *