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सिद्धांत ख़ुदकुशी मामले में होटल मालिक दीपेश चौकसे गिरफ्तार…..रायपुर में छिपकर बैठा था होटल का मालिक….

सिद्धांत ख़ुदकुशी मामला, 919 दिन बाद गिरफ़्तार हुए ख़ुदकुशी कांड के कथित सूत्रधार दीपेश चौकसे

सिद्धांत ख़ुदकुशी मामले में हाईकोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को फटकार लगाई थी

2022 में सिद्धांत ने आत्महत्या की थी

सरकार बदलने के बाद ही एफ़आइआर और कार्यवाही हो पाई

बिलासपुर में काण्ड करके रायपुर में छिपा था आरोपी….

बिलासपुर / बिलासपुर पुलिस ने बहुचर्चित सिध्दांत नागवंशी खुदकुशी मामले में करीब 919 दिन बाद प्रकरण के मुख्य सूत्रधार बताए गए दीपेश चौकसे को गिरफ़्तार कर लिया है…. सिद्धांत खुदकुशी मामले को लेकर बिलासपुर पुलिस को पूर्व में हाईकोर्ट की कड़ी फटकार भी सुननी पड़ी है….
इंजीनियरिंग के छात्र सिद्धांत नागवंशी ने 11 जनवरी 2022 को खुदकुशी की थी… सिद्धांत की ख़ुदकुशी को लेकर लगातार यह आरोप लगे कि, बिलासपुर के भू माफिया अकबर खान के दबाव और प्रताड़ना की वजह से सिद्धांत ने आत्महत्या की। घटनाक्रम को लेकर सूचना है कि, मीनाक्षी बंजारे नामक महिला से ज़मीन का एग्रीमेंट 12-15 करोड़ में कराया गया था। एग्रीमेंट के एवज में मीनाक्षी के खाते में चालीस लाख भेजे गए।लेकिन इसके पहले कि नामांतरण होता, महिला मीनाक्षी के सौतेले भाई संजय भिवड़े ने ज़मीन का नामांतरण अपने नाम पर करा लिया। सौदा विवादास्पद हो गया तो अकबर खान, ने मीनाक्षी के खाते में डाले गए पैसे को लेकर सिद्धांत को कथित रुप से प्रताड़ित किया। यह प्रताड़ना इस हद तक बढ़ी कि, सिद्धांत ने आत्महत्या कर ली। चर्चाएँ हैं कि, सिद्धांत ने कोई नोट छोड़ा था जिसमें अकबर खान का ज़िक्र था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार को इस बात के लिए दोष दिया जाता है कि,सरकार के सर्वोच्च प्रभावशाली व्यक्ति के संरक्षण की वजह से सिद्धांत खुदकुशी मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई। सिद्धांत इंजीनियरिंग का छात्र था। ज़मीन के मामले में जल्दी और अच्छी कमाई के फेर में वह ज़मीन माफिया के फेर में फँस गया। बेहतर कमीशन या कि हिस्सेदारी के फेर में
उसने विवादित लोगों से मेलजोल बढ़ा लिया और अंततः दुर्भाग्यपूर्ण मौत में उसने जीवन तब्दील कर दिया।
इस मामले में कार्यवाही नहीं होते देख सिद्धांत के परिजनों ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने तब कड़ी फटकार लगाई थी। राज्य में सरकार बदलने के बाद 1 जनवरी 2024 को एफ़आइआर दर्ज की गई। इस मामले में परिजनों का आरोप था कि,
मूलतः पैसा दीपेश चौकसे का था, अकबर खान तैयब खान उसके मोहरे की तरह काम कर रहे थे। हाईकोर्ट में परिजनों ने फिर से याचिका दायर कर दीपेश चौकसे की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस को आदेशित करने की याचना की है।दरसल दीपेश चौकसे राजधानी के होटल ट्राईटन के संचालक है। दीपेश चौकसे को रायपुर से पुलिस ने गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी में आपको यह भी बता दे की पकड़ा गया आरोपी दीपेश चौकसे को लेकर रायपुर के दिग्गज नेताओ और कुछ IAS और IPS अफसरों का भी फ़ोन घनघनाया…जिन्होंने दीपेश की सिफारिश की….लेकिन किसी की एक नहीं सुनी गयी….और आनन् फानन में में बिना किसी को सूचना दिए बिना पुलिस ग्रुप में खबर डाले जेल दाखिल कर दिया गया…जो समझ से परे है….

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