1 करोड़ 18 लाख के निर्माण एवं मरम्मत कार्य में शिकायत का मामला,जाँच समिति सौपीं रिपोर्ट,कोई गंभीर अनियमतायें नही….

-पेण्ड्रा-मरवाही-आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा क्रीड़ा परिसर छात्रावास पेंड्रारोड में कुल आठ कार्य लगभग 1 करोड़ 18 लाख की लागत से निर्माण मरम्मत एवं अन्य कार्य निविदा के माध्यम कराएं गए थे,आदिम जाति विकास विभाग द्वारा कराए गए इस निर्माण कार्य को लेकर शिकायतकर्ता ने कलेक्टर को आपत्ति दर्ज कराई थी कि निर्माण कार्य की निविदा का प्रकाशन जिले में वितरित किसी भी बड़े समाचार पत्र में नही किया था साथ ही इस निविदा को CG. procurment site पर नही डाला गया,इन दोनों बिंदुओं को लेकर जांच समिति ने जांच के दौरान पाया कि सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा विधिवत जनसपंर्क संचालनालय रायपुर को निविदा जारी करने के लिए मेल किया गया था शिकायतकर्ता द्वारा उक्त दो समाचार पत्रों में प्रकाशित नही होने का कोई भी साक्ष्य नही दिया गया,निविदा को CG. procurment site में इसलिए नही डाला गया क्योंकि 20 लाख या इससे अधिक की राशि की निविदाओं का प्रकाशन ही ऑनलाइन अनिवार्य होता है जबकि जारी की गई निविदा में सारे कार्य 20 लाख से कम की राशि के ही थे,शिकायतकर्ता की इन दोनों शिकायत को जांच समिति ने खारिज कर दिया
-इस मामले में यह भी शिकायत की थी कि मरम्म्त का ठेका 20 % से कम पर जाता है जिसका भी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नही कर पाएं और इस बिंदु को भी खारिज कर दिया जांच समिति के सदस्यों ने,क्रीड़ा परिसर की बाउंड्री वाल के मरम्मत को लेकर भी निर्माण के पहले की बाउंड्री वाल की कंडीशन में भी कोई भी जानकारी नही दी गयी जांच समिति ने मौके पर सारे माप सही पाए कोई भी काम माप से कम नही पाया गया
-इस शिकायत में आदिवासी विकास के बाबू सचिन तिवारी की भूमिका और उनकी संलिप्तता में भी आरोप लगे थे के वे स्वयं विभाग में ठेकेदारी करते है और अन्य कामों को प्रभावित करते है, जांच समिति ने यह पाया कि सचिन तिवारी द्वारा अपने कार्य में कोई भी लापरवाही या शासकीय धन के आहरण या भुगतान का कोई भी नियम के विरुद्ध नही पाया गया है
- शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद कलेक्टर कमलेश लीना मांडवी द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था,जांच समिति ने शिकायत कर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद निर्माण स्थल से लेकर तमाम पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच करने के बाद यह पाया कि उक्त निविदा के सभी कार्य विधिवत नियमानुसार किये गए है आदिवासी विकास पर लगे इन सभी कार्यों को लेकर कोई भी गंभीर अनियमिता नही पाई गई,निर्माण कार्यों के मूल्यांकन सत्यापन सही सही पाई गई
मामले की शिकायत के बाद जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी गयी है ,अनियमतायें नही पाई गई है
प्रिया गोयल संयुक्त कलेक्टर, जांच समिति सदस्य