6 सूत्रीय मांगों को लेकर निकाय कर्मियों ने किया 3 दिवसीय हडताल….बिना पंडाल खुले में नेहरू चौक पर बैठ किया प्रदर्शन

प्रशासन के तम्बू उखाड़ने पर हुए उग्र

कहा,मांगे पूरी नही हुई तो निकाय चुनाव में दिखेगा असर
बिलासपुर। नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ छत्तीसगढ़ ने अपनी 6 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर जैसे ही नेहरू चौक पर 3 दिवसीय प्रदर्शन शुरू किया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने पंडाल उखाड़ उन्हें खदेड़ने की कोशिश की।


भड़के आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और खुले आसमान के नीचे वही पर धरना दे दिया।आंदोलन करने वाले कर्मचारियो ने बताया कि वे अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 12 नवंबर से 14 नवंबर तक हड़ताल पर रहेंगे । 6 सूत्रीय मांगों में लंबित वेतन के भुगतान हर माह 1 तारीख को ट्रेजरी के माध्यम से वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने, नगरीय निकायों में प्लेसमेंट ठेका पद्धति को शीघ्र ही समाप्त करने, नगरीय निकायों में ओल्ड पेंशन स्किम लागू करने, नगरीय निकायों के मृत कर्मचारी के परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने और प्रदान निकायों में 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी कर्मचारियों को शीघ्र पदोन्नति करने व 6. छठवें व सातवें वेतनमान के एरियर राशि के भुगतान को लेकर पहले भी शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने प्रयास कर चुके है।इसके बाद भी जब उनकी मांगों पर कोई निर्णय नही लिया गया उन्हें सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ा।


कर्मचारियों का कहना है निगम प्रशासन को नगरीय प्रशासन मंत्री के निर्देश का भी भान नही है उन्होंने गत 26 -27 सितंबर को समीक्षा बैठक के दौरान निकाय के कर्मचारियों को हर माह पहली तारीख को वेतन भुगतान करने निर्देश दिया है। निकायों के अफसर उनके इस फरमान तक का पालन नही कर रहे है। जिससे कर्मचारियों में रोष है।
समय पर वेतन भुगतान न होने पर संगठन ने की पुनः हड़ताल की घोषणा
समय पर वेतन की मांग को लेकर नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी संगठन ने तीन दिवसीय हड़ताल को दो दिन में नगरी प्रशासन संचालक
के आश्वासन पर स्थगित कर दिया था। इसके बाद भी समय पर वेतन भुगतान न होने पर संगठन को पुनः हड़ताल की घोषणा करनी पड़ी।
मांग पूरा नहीं हुआ तो नगरीय निकाय चुनाव में दिखेगा असर
हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नही की गई तो आने वाले नगरीय निकाय चुनाव पर इसका असर दिखेगा। बहुत सारे नगरीय निकायों में अभी भी 1 से 2 माह के वेतन भुगतान लंबित है । उनकी मांग पर शासन द्वारा गम्भीरतापूर्वक कार्रवाई नहीं की जा रही है..