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स्कूल में बच्चों के बैठने के नाम पर आई टाटपट्टी को अपने चहेते शिक्षक- शिक्षिकाओं को बांट दिया….संकुल समन्वयक ने की बड़ी लापरवाही…..लगे गंभीर आरोप….पढ़िए खबर KKC में…..

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर:- शासन और प्रशासन दोनों मिलकर सरकारी शिक्षा और सरकारी स्कूलों के हालात बदलने में लगे हुए हैं। स्कूल भवन, बैठक व्यवस्था,मध्यान भोजन, गणवेश, कॉपी किताबें और मुफ्त की शिक्षा प्रमुख हैं।
इन पर नजर रखने बीईओ, एबीईओ,संकुल प्राचार्य,संकुल समन्वयक और प्रधान पाठक नियुक्त हैं जो सतत मोनिटरिंग करते हैं। शासन स्तर पर कोई सामग्री आती है तो संकुल समन्वयक द्वारा वितरण भी किया जाता है।
लेकिन यदि संकुल समन्वयक ही स्कूल में बच्चों के बैठने के नाम पर आई टाटपट्टी को अपने चहेते शिक्षक शिक्षिकाओं को बांट दे तो सवाल खड़े होना लाजमी है।

जी हाँ विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा अंतर्गत एक संकुल समन्वयक नें पिछले सत्र 2023-24 में प्राथमिक शाला में बच्चों के बैठने के लिए आए टाटपट्टी को सिर्फ वाहवाही लूटने अपने चहेते शिक्षक शिक्षिकाओं को बांट दिया है। लेकिन यह बड़े शर्म की बात है कि कमजोर आर्थिक वर्ग के बच्चों के लिए आई टाटपट्टी को संकुल समन्वयक द्वारा अपने ही स्कूल में पदस्थ टीचर्स को बांट देना और टीचर्स का बेशर्मी के साथ अपने अपने घर ले जाना।


संकुल समन्वयक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के करीबी बताए जाते हैं।

मामला मीडिया के संज्ञान में तब आया जब एक शिक्षक समूह नें नाम नहीं छापने की शर्त पर पूरी घटना को सिलसिलेवार बताया और कहा कि यदि उन्हें थोड़ी भी शर्म है तो टाटपट्टी स्कूल में शीघ्र वापस कर दें, नहीं आती है तो उस संकुल समन्वयक और टीचर्स का नाम वह ना केवल मीडिया के सामने उजागर कर देंगे बल्कि गुप्त रूप से प्रमाण के साथ उच्च अधिकारियों को शिकायत भी करनें से गुरेज नहीं करेगा।

बहरहाल मामला संवेदनशील होने के साथ साथ बेहद शर्मनाक है किन्तु पश्चाताप के लिए भी समय है, देखना होगा कि क्या स्कूल के बच्चों के लिए आई टाटपट्टी स्कूल वापस आती है? शिक्षकों नें इशारों में बताया कि टाटपट्टी संकुल में ना उतरवाकर शहरी स्रोत केंद्र बिल्हा अंतर्गत एक सहायक शिक्षक के घर पर उतरवाया गया और वहां से टीचर्स अपने अपने घर ले गए। बड़े शर्म की बात है कि टीचर्स टाटपट्टी की तारीफ भी करते हैं कि बहुत अच्छा है।

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