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कबीरधाम : क्या सत्ता पर भारी विपक्ष?…कलेक्टर SP का बदलाव और नए कलेक्टर की चर्चा बाजार में चर्चाये आम…

कबीरधाम । प्रदेश सरकार में गृह मंत्री विजय शर्मा के गृह जिले की चर्चा सबसे ज्यादा बनी हुई है। कवर्धा में बढ़ते अपराध के मामले से सरकार की किरकिरी हो रही है। कवर्धा के लोहारडीह में हुए जघन्य मामले से राज्य सरकार को कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ गया है। इस घटना की चर्चा आज पुरे प्रदेश के साथ ही देशभर में हो रही है.इस मामले ने सरकार को भी हिलाकर रख दिया। कवर्धा में हुई अप्रिय घटना से राज्य की पुलिसिंग व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है। इन मामलों में कवर्धा पुलिस की भूमिका संदेहास्पद रही!इस कांड की वजह से पूरा पुलिस महकमा कटघरे में नजर आ रहा है।

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोलने में समय व्यतीत नहीं किया। कान्ग्रेस के आक्रमक रूख को देखते हुए साय सरकार को कड़े फैसले लेने पड़ गए.कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया था.कांग्रेस के बंद का प्रदेश में मिला जुला असर भी नजर आया। चर्चा यह भी हो रही है की साय सरकार कांग्रेस के इस विरोध की वजह से कलेक्टर व एसपी को बदला.यह भी कहा जा सकता है की मामले की गंभीरता पर सरकार ने बड़े फैसले लिए!इस मामले में रेंगाखार थाने के निरीक्षक , सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ 23 पुलिसकर्मियों को सरकार ने पुलिस लाइन में भेज दिया!

अंततः कवर्धा के पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर हटाए गए : कवर्धा के लोहारडीह में हुए जघन्य कांड के बाद पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद मामले को शांत करने के उद्देश्य से बड़े फैसले लेने पड़े.सबसे पहले कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ प्रशिक्षु आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया! एएसपी विकास कुमार के निलंबन के बाद भी जिले में आक्रोश कम नहीं हुआ.इस मामले को शांत करने के लिये सूबे के मुख्यमंत्री ने कड़े फैसले लेते हुए कवर्धा जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे की जगह गोपाल वर्मा को पदस्थ किया!इसके साथ ही जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव की जगह राजेश कुमार अग्रवाल को कमान सौंप दी!सरकार के आनन् फानन में लिए फैसले की चर्चा बन गयी.

कलेक्टर की पोस्टिंग पर अब उठने लगे सवाल : कवर्धा के इस जघन्य मामले के बाद कलेक्टर की पोस्टिंग को लेकर बहुत सी बाटे होने लगी है। सरकार के फैसलों पर अब सवाल खड़े हो रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कवर्धा की कमान आईएएस गोपाल वर्मा को दी गयी है वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी रिश्तेदार है।पूर्ववर्ती सरकार में इनको आईएएस अवार्ड किया गया था।गोपाल वर्मा राज्य के जीएसटी विभाग के अफसर भी रह चुके है। इनके पहले जीएसटी विभाग से कभी कोई भी अफसर आईएएस अवार्ड नहीं हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी होने का फायदा गोपाल वर्मा को मिला था। उस सरकार में भी इनको छोटे जिले की कमान मिली थी.सत्ता बदलते ही इनको कलेक्टरी से हटना पड़ गया था पर बहुत जल्द साय सरकार में इनको ठीकठाक जिले की कमान मिल गयी।

साय सरकार के इस फैसले पर बहुत से सवाल उठने लगे है!कांग्रेस की आक्रामकता से साय सरकार शायद घबरा गयी है। सूबे की वर्तमान साय सरकार ने कलेक्टर एसपी को हटाकर तो अच्छा फैसला की पर कलेक्टर की पोस्ट में भूपेश बघेल के करीबी को बैठालना भाजपा के नेताओ को रास नहीं आ रहा है। अब आरोप यह भी लग रहे है की प्रदेश की साय सरकार सही निर्णय नही ले पा रही है।कलेक्टर की पोस्टिंग को लेकर दिल्ली दरबार तक भी बात पहुंचाई गयी है। कुछ लोगो का कहना है की क्या सरकार के पास और कोई जिम्मेदार आईएएस कलेक्टर के लिए नहीं था या फिर किसी बड़े नेता ने अपना खेल कर दिया।

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