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प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए सड़क पर उतरेंगे स्कूल सफाई कर्मचारी, चलाएंगे स्वच्छता पखवाड़ा

30 सितंबर तक मांगे पूरी नहीं होने पर 2 अक्टूबर की राजधानी में बड़े आंदोलन की तैयारी

बिलासपुर / गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 14 वर्षों से 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी स्कूलों में स्वच्छ वातावरण प्रदान कर रहे हैं l स्कूलों में केवल सुबह 2 घंटे काम निर्धारित है परंतु स्कूलों में चपरासी का पद रिक्त होने के कारण चपरासी के सभी काम स्कूल सफाई कर्मचारी को करना पड़ता है l
काम के एवज में प्रति महीने 3000 से 3300 मानदेय भुगतान किया जाता है जो कि इस महंगाई भरे दौर में इतने कम रुपए में अपने परिवार का गुजारा नहीं कर पाते हैं।


संघ के प्रति आह्वान पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में स्वच्छता अभियान का पखवाडा चला कर संघ की मांगों को पूरा करने को लेकर जिला कलेक्टर के के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव के नाम पर ज्ञापन सौपा जाएगा।
संघ का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग के आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास और आश्रमों में अंशकालीन सफाई कर्मचारियों की भर्ती किया गया था जिनका कार्यकाल 7 वर्ष होने पर उन्हें पुर्णकालीन कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान किया गया है। तथा 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भृत्य के पदों में समायोजित करते हुए नियमित किया गया है।


उसी नियम के आधार पर स्कूल सफाई कर्मचारी को भी 7 वर्ष पूरे किए जाने पर पूर्णकालिक कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान किया जाए और 10 वर्ष कार्यकाल पूरे होने पर भृत्य के पदों में समायोजित करते हुए नियमित किया जाए। इन मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में माननीय नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छता भारत अभियान के संदेश को साकार करने के लिए स्कूल सफाई कर्मचारी सभी जिलों में स्वच्छता अभियान चलाएंगे साथ ही अपनी मांगों को जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को अवगत कराएंगे मांगे पूरी नहीं होने पर 2 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।

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