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अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने हड़ताल रखा जारी

कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर

संभाग स्तर पर आंदोलन, 4 नवंबर से हड़ताल हुआ शुरू

बिलासपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी लंबे समय से लंबित तीन प्रमुख मांगों पर शासन की चुप्पी से निराश होकर अब अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले गए है। नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने कमिश्नर और कलेक्टर को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है। तीन लंबित मांगों को जल्द पूरा करने की मांग को लेकर कर्मचारी अब एकजुट होकर सड़क पर उतर गए है। कर्मचारी संघ का कहना है कि जब तक उनकी
प्रबंधकीय अनुदान, मध्यप्रदेश शासन की तरह छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 5-5 लाख रुपए का प्रबंधकीय अनुदान प्रदान किया जाए,सेवा नियमों में सुधार और पदोन्नति सेवा नियमों में सुधार किया जाए और जिला सहकारी बैंकों में पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमित किया जाए और धान खरीद में नुकसान से बचाव धान उपार्जन प्रक्रिया में होने वाले नुकसान से बचाव के लिए ‘सुखत’ का प्रावधान किया जाए।
अगर इन मांगों पर ठोस समाधान नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

सिर्फ आश्वासन ही मिला

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कर्मचारियों का कहना है कि यह आंदोलन उनके हितों के लिए कई वर्षों से लंबित प्रमुख मांगों के कारण हो रहा है। लंबित मांगों को लेकर बार-बार ज्ञापन सौंपने के बाद शासन से बात करने का प्रयास भी किया गया। लेकिन शासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लंबे समय तक प्रशासन की तरफ से आश्वासन ही मिलता रहा है।

किसानों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी प्रशासन की

नेहरू चौक में बैठे कर्मचारियों ने कहा कि उनके आंदोलन से किसानों को हो रही परेशानियों की जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी। उन्होंने अपनी मांगों पर शासन से तत्काल कदम उठाने की मांग की है।

कर्मचारी बोले जारी रहेगा हड़ताल

अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि यह हड़ताल m
लंबित मांगों के पूरा होते तक जारी रहेगा छे इसके लिए लड़ाई क्यों न लड़ना पड़े। क्योंकि यह काफी पुरानी मांग है जिसके लिए कई बार राज्य सरकार को अवगत कराया गया है।

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