जाने जेबरा क्रॉसिंग क्यों बनाया जाता है

सड़क सुरक्षा माह 2025
बिलासपुर। ज़ेबरा क्रॉसिंग सड़क पर एक विशेष पैटर्न होती है, जिसका उपयोग पैदल यात्रियों को सुरक्षित रूप से सड़क पार करने के लिए किया जाता है। इसे “ज़ेबरा” कहा जाता है क्योंकि इसका डिज़ाइन काले और सफेद पट्टियों से मिलकर बना होता है, जो ज़ेबरा के शरीर के पैटर्न जैसा दिखता है। ज़ेबरा क्रॉसिंग का मुख्य उद्देश्य वाहनों और पैदल यात्रियों के बीच समन्वय और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ज़ेबरा क्रॉसिंग काले और सफेद समानांतर पट्टियों से बनी होती है। ये पट्टियां सड़क पर साफ़-साफ़ दिखाई देती हैं, ताकि वाहन चालक और पैदल यात्री दोनों इसे आसानी से पहचान सकें।
ज़ेबरा क्रॉसिंग आमतौर पर स्कूलों, बाजारों, और भीड़भाड़ वाले इलाकों में बनाई जाती है, जहां पैदल यात्रियों का आवागमन अधिक होता है।
पैदल यात्रियों को ज़ेबरा क्रॉसिंग पर प्राथमिकता दी जाती है।
वाहन चालकों को ज़ेबरा क्रॉसिंग के पास रुककर पैदल यात्रियों को सड़क पार करने देना चाहिए।ज़ेबरा क्रॉसिंग के पास गति धीमी रखनी होती है।
उपयोगिता
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करती है।
पैदल यात्रियों को सड़क पार करने का सुरक्षित स्थान प्रदान करती है।
यातायात को अनुशासित और व्यवस्थित रखती है।
सुरक्षा के लिए सुझाव
पैदल यात्रियों को ज़ेबरा क्रॉसिंग पर तभी सड़क पार करनी चाहिए, जब यह सुनिश्चित हो कि वाहन रुक गए हैं।
वाहन चालकों को ज़ेबरा क्रॉसिंग पर तेज़ी से गाड़ी चलाने या ओवरटेक करने से बचना चाहिए।
ज़ेबरा क्रॉसिंग का उल्लंघन
यह यातायात नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाता है और इसके लिए विभिन्न देशों में अलग-अलग दंड या सजा निर्धारित की गई है। भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत ज़ेबरा क्रॉसिंग से जुड़े नियमों का पालन न करने पर जुर्माना और अन्य सजा का प्रावधान है।यदि वाहन चालक ज़ेबरा क्रॉसिंग पर पैदल यात्रियों को प्राथमिकता नहीं देता है या ज़ेबरा क्रॉसिंग को ब्लॉक करता है, तो उस पर ₹500 से ₹2,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सावधानी
इस तरह के नियम न केवल कानून का हिस्सा हैं, बल्कि सड़क पर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। यदि हर व्यक्ति इन नियमों का पालन करे, तो सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी हद तक कम हो सकती है। दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
रोहित मालेकर
निरीक्षक
थाना सिविल लाइन
रायपुर