पेंड्रा नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी राकेश जालान की जीत…..समाजसेवी हर्ष छाबरिया को लोगो ने किया याद

लगातार दूसरी बार बने अध्यक्ष, कांग्रेस-भाजपा को हराया
बिलासपुर। जीपीएस।
पेंड्रा नगर पालिका में एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी राकेश जालान ने इतिहास रच दिया है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राकेश जालान ने 199 वोटों के अंतर से शानदार जीत हासिल की। चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को दूसरा और भाजपा के प्रत्याशी को तीसरा स्थान मिला। इस जीत के साथ वे पेंड्रा नगर पालिका में लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।
कांग्रेस से प्रत्याशी रहे पंकज तिवारी को कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और संगठन का भरपूर समर्थन था ,लेकिन कुछ कमियों की वजह से प्रत्याशी जीत से लगभग 200 वोट पीछे रह गए,
बता से कि भाजपा से प्रत्याशी रहे रितेश फरमानिया को रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल,प्रबल प्रताप जूदेव सहित भाजपा संगठन ने पूरी ताकत ने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाई थी उसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी को जनता ने तीसरे नंबर में पहुंचा दिया।

*हिंदू संगठन नेता हर्ष छाबरिया को मिलना था भाजपा से समर्थन*
हिंदू संगठन नेता और समाजसेवी हर्ष छाबरिया को भाजपा से समर्थन मिलना था। और पेंड्रा के लोगो की भी उम्मीद थी कि इस बार हर्ष को भाजपा जरूर अपना उम्मीदवार बनाएगी लेकिन भाजपा ने हर्ष पर बिल्कुल भरोसा नहीं किया। जबकि आमजनों के अलावा भाजपा के नेताओं की भी पहली पसंद हर्ष रहे।
*लोकप्रिय है समाजसेवी हर्ष छाबरिया*
पेंड्रा और आसपास के क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाए रखने वाले हर्ष छाबरिया समाजसेवी है जो लोगों के दुख सुख में हमेशा खड़े रहते है। स्वच्छ भारत अभियान और पेंड्रा को साफ सुंदर बनाए रखने के लिए हर कदम आगे रहते है।इसलिए लोगो को उम्मीद रही कि इस बार टिकिट मिलती है तो हर्ष को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाएगा। लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
*आंखे हुई नम,कार्यकर्ता बोले मिलना था हर्ष को,एक मौका जरूर देना था*
सूत्र बता रहे है कि इस चुनाव में पेंड्रा के लोगो में एक उम्मीद जगी थी।की इस बार हर्ष छाबरिया को भाजपा टिकिट देकर निश्चित ही भाग्य आजमाने की कोशिश करेगी।लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ जिसके कारण कार्यकर्ताओं के अलावा पेंड्रा के अधिकतर लोगों की आंखे नम रही। कई लोगों के आंखों से आंसू आ गए।