SMC के मेम्बरों नें एक बार फिर की कलेक्टर से शिकायत…..प्रधानपाठिका पर लगाया गंभीर आरोप….जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। कहते हैं शिक्षा के मंदिर को सुनहरे भविष्य का प्रवेशद्वार कहा जाता है लेकिन शा. प्रा. शाला बिजौर की बात ही अलग है। बिल्हा विकासखंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक शाला बिजौर एक बार फिर सुर्खियों में में आ गया है SMC के मेम्बरों नें एक बार फिर कलेक्टर से शिकायत की है। SMC मेम्बरों नें प्रधानपाठिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की है जो गंभीर हैं। मेम्बरों का कहना है कि प्रधानपाठिका की दर्जनों शिकायत की गई है बावजूद इसके आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है,उन्होंने इस पूरे मामले में ही शिक्षा अधिकारियों पर सांठगांठ का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए हैं और उनकी मांग है कि जाँच शिक्षा विभाग से न कराकर जिला प्रशासन द्वारा गठित स्वतंत्र कमेटी द्वारा कराई जाए।
शासकीय प्राथमिक शाला बिजौर में पदस्थ प्रधान पाठिका श्वेता स्मृति मसीह की शाला प्रबंधन समिति (SMC) व गाँव वाले द्वारा कलेक्टर से शिकायत की गई है।
*क्या हैं आरोप*
1. श्रीमती मसीह कभी भी समय पर स्कूल नही आती है। और स्कूल में मनमानी करती है जिसके कारण एक वर्ष पूर्व SMC व ग्रामीणे द्वारा क्षुब्ध हो कर स्कूल में तालाबंदी किया गया था। (विभिन्न समाचार पात्रों में प्रकाशित छायाप्रति संलग्न ।)
2. SMC के सदस्यों, मध्यान्ह भोजन के स्व. सहायता समूहो, शिक्षको, ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करना।
3. प्रधान पाठिका द्वारा अनुसूचित जनजाति व महिला एक्ट की धाराओं में फसाने की धमकी दी जाती है। जिसकी लिखित शिकायत सरकण्डा थाने में की गई है। (शिकायत की छायाप्रति संलग्न)।
4. विद्यालय से बिना सूचना के अनुपस्थित रहना [SMC के सदस्यों के द्वारा निरीक्षण की छायाप्रति संलग्न ) एवं पाठकन में कूटरचना कर C.L. के ऊपर पूनः हस्ताक्षर करना। (पाठकान की छायाप्रति संलग्न)।

5. एक वर्ष पूर्व विद्यालय में शिक्षको एवं SMC को सदयस्यों के सहयोग से स्वंय के व्यय पर बिजली फिटिंग के लिए वायरिंग करवाया गया एवं पंखा लाइट लगवाया गया जिसका भूगतान आज पर्यन्त तक प्रधान पाठिका द्वारा नहीं किया गया है। एवं इससे संबंधित बिलों को अपने पास ही रख लिया गया।
6. समग्र शिक्षा से पिछले वर्ष (नवम्बर-2022-23) में प्राप्त 56,000/- की राशि का SMC व स्कूल स्टाफ को कोई हिसाब नही दिया गया व फर्जी बिल बनाकर आडिट कराया गया है। किये गये भूगतानो की जाँच कर कार्यों का भौतिक सत्यापन करवाया जाए।

7. प्रधान पाठिका द्वारा स्कूल में नियम विरुद कार्य करने से मना करने पर मध्यान्ह भोजन के रसोईया व गाँव वाले को पुलिस विभाग में पदस्थ अपने हेड कॉस्टेबल पति का धौस दिया जाता है।
8. स्कूल में शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों, शिक्षकों व गाँव वालों के सहयोग से स्कूल में मरम्मत व अन्य विकास कार्य कराया जा रहा था। जिसे प्रधान पाठिका ने दबाव पूर्वक रुकवा दिया। जिसके कारण सीमेंट (19-बोरी), रेत(दो ट्रैक्टर) गिट्टी (एक ट्रैक्टर) इंट (5,000 नग) रखे रखे खराब हो गया।
9. शाला परिसर में बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था प्रधान पाठिका द्वारा नही कराया गया है।
10. विद्यालय में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय की कोई व्यवस्थ्या नही होने पर भी प्रधान पाठिका द्वारा इस पर कोई पहल नहीं किया गया।
प्रधान पाठिका के खिलाफ पूर्व में भी अनेक गंभीर शिकायतें हुई है। किन्तु शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों द्वारा आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया। जितनी बार ग्रामीणों द्वारा शिकायत किया गया हर बार अधिकारियों द्वारा आपसी साठगाँठ कर प्रधान पाठिका को बचाया गया।
इसलिए SMC सदस्यों द्वारा मांग की गई है कि इस बार जाँच शिक्षा विभाग से न कराकर जिला प्रशासन द्वारा गठित स्वतंत्र कमेटी द्वारा गराई जाए।
प्रधान पाठिका श्रीमती श्वेता स्मृति मसीह में संस्था प्रमुख के रूप में नेतृत्व क्षमता की कमी, स्टाफ के साथ समन्वय स्थापित नही होना तथा विद्यालय परिवार, शाला प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों का प्रधान पाठिका के प्रति असंतोष होना विधार्थियों के शैक्षणिक स्तर को प्रभावित कर रहा है।
प्रधान पाठिका की उपरोक्त कृत्यों की जाँच कर कठोर कार्यवाही करते हुए अन्यत्र स्थानातरित करने की कृपा करें। जिससे शाला में अध्ययन – अध्यापन का वातावरण बना रहे।
बहरहाल देखना होगा कि शिक्षा विभाग की एक प्रधानपाठिका के विरुद्ध,SMC सदस्यों द्वारा शिक्षा विभाग से शिकायत ना कर, कलेक्टर से की गई शिकायत की निष्पक्ष जांच में क्या कुछ निकल कर सामने आता है?