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अवारा मवेशियों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मांगी गई व्यवस्था

बिलासपुर ।शहर में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, हाल ही में गौ सेवा से जुड़ी संस्था ने एक अहम मुद्दा उठाया है। संस्था ने देखा है कि शहर के विभिन्न वार्डों में मरे हुए मवेशियों गाय, बैल आदि को उचित अंत्येष्टि न मिलने के कारण वे सड़कों पर पड़े रहते हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इसे देखते हुए निरंकार तिवारी ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि मृत मवेशियों के शवों को दफनाने के लिए शहर से बाहर एक शमशान भूमि शवदाह गृह की व्यवस्था की जाए, जिससे गंध, संक्रमण और धार्मिक आस्था को ठेस जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि मवेशियों की मृत्यु के पश्चात उन्हें शवदाह गृह तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने हेतु एक आपातकालीन वाहन की व्यवस्था की जाए। निरंकार तिवारी ने प्रशासन से यह भी अपील की है कि मरे हुए पशुओं के समय पर अंतिम संस्कार से धार्मिक और सामाजिक व्यवस्था बनी रहेगी। निरंकार तिवारी ने विशेष रूप से बताया कि बिलासपुर, कोटा, तखतपुर, मस्तूरी एवं आसपास के क्षेत्रों में अगर यह व्यवस्था लागू की जाती है तो अव्यवस्था एवं बदबू जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। साथ ही, पशु अधिकारों के प्रति भी एक संवेदनशील दृष्टिकोण सामने आएगा। गौ माता गौ गोपाल संस्था ने अपनी मांगों को लेकर राज्य शासन और संबंधित विभागों से गौ सेवा आयोग अधिनियम 1962 के तहत शीघ्र कार्यवाही की अपील की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक धार्मिक और मानवीय पहलू से जुड़ा विषय है, जिस पर प्रशासन को त्वरित और संवेदनशील निर्णय लेना चाहिए।

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