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कृषि विज्ञान केंद्र में प्राकृतिक खेती पर चलाया गया जागरूकता अभियान …..किसानो को प्राकृतिक खेती करने दिया गया प्रशिक्षण….

बिलासपुर /सरकंडा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक बार फिर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है….दरसल
कृषि विज्ञान केंद्र में प्राकृतिक खेती पर जागरूकता अभियान
चलाया गया…यह अभियान डॉ.आरकेएस तिवारी के मार्गदर्शन पर किया गया…जिसमे किसानो और पढ़ाई करने वाले छात्रों के बीच चलाया जा रहा है..इसका मुख्य उद्देश्य यही है की खेती किसानी कैसे करते है और किस तरह से खेतो को उपजाऊ बनाकर उसमे से ज्यादा फसल ले सकते है…यहाँ तक छात्रों को यह भी बताया की की जैविक खेती और रासायनिक खेती में क्या अंतर् है…किसको लगाने से ज्यादा फायदा है और किस्से नुकसान है..चूँकि आज के समय में ज्यादा फसल लेना और कम समय में फसल पैदा करने की सबको जल्दी रहती है….यही कारण है की लोग रासयनिक खाद का ज्यादा उपयोग करते है…जिसके कारण लोग बीमार भी पड़ते है….इन्ही सब बातो को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगो को जागरूक किया गया….जिसमे फसल के फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया…

इस अवसर पर छात्रो ने भी अपने विचार रखे और मन की शंका को दूर किया….वही वैज्ञानिकों ने भी छात्रों के सवालो का जवाब दिया….जिसमें मौजूद छात्रों ने कहा की अब जैविक खेती का उपयोग ही किया जाएगा….ताकि लोग बीमार न हो सके…. कृषि विज्ञान केंद्र बिलासपुर के
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया की यहाँ पर यह जागरूकता अभियान चलाने का मुख्य उद्देश्य यही है की लोगो में जागरूकता आए…किसानो को खेती करने में किसी तरह की कोई समस्या न हो और प्राकृतिक खेती करके किसान अपने जीवन को पहले से और ज्यादा बेहतर कर ले…उन्होंने यह भी बताया की प्राकृतिक खेती क्यों और किसलिए करना चाहिए…इसके लिए विशेष तौर से उन्होंने गंभीरता से बाते कही….इस बीच किसानो ने होने वाली समस्याओ पर चर्चा भी की….

इस अवसर पर डॉ.शिल्पा कौशिक ,डॉ.अमित शुक्ला.डॉ.निवेदिता पाठक,डॉ.एकता ताम्रकर,हेमकांति बंजारे, डॉ.स्वाति शर्मा जयंत साहू पंकज मिंज समेत कई लोग शामिल रहे…

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