ग्राम पंचायत साँकर में स्व. अविनाश सिंह चंदेल जी की स्मृति में क्रिकेट स्पर्धा का आयोजन…परिवार ने नम आंखों से किया क्रिकेट मैच का उद्घाटन
अकलतरा:/सोमवार 13 मई से ग्रामपंचायत साँकर में प्लाटून कमांडर स्व. अविनाश सिंह चंदेल की स्मृति में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्र के आस-पास के खिलाड़ि बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने दूर -दूर से पहुचं रहे हैं, बारिश की वजह से उद्घघाटन की तारीख बदलनी पड़ी और 13 मई को रात्रि 8:30 में मैच का उद्घाटन स्व. अविनाश सिंह चंदेल की माता जी श्रीमती प्रजेश सिंह चंदेल (पूर्व जनपद सदस्य ) और पुत्र शिलादित्य सिंह चंदेल ने नाम आँखों से अपने कलेजे के टुकड़े को याद करते हुए किया,
कौन थे अविनाश सिंह चंदेल (बंटी)-
अकलतरा विकाशखंड के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से ग्राम साँकर में जन्मे अविनाश सिंह बचपन से ही बड़े बदुर थे, अल्पायु में पिता को खोने का दुख तो था, लेकिन पिताजी का सपना पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता थी। ऐसे समय मे बड़े भाई अनुराग सिंह चंदेल(बबला) के ऊपर घर की जिम्मेदारी आ गई, बड़े भाई ने उन्हें हिम्मत दिया। अपने जुनून और कड़ी मेहनत के दम पर सारी बाधाओं को दूर करते हुए, उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षक के पद पर जांजगीर जिले में पदस्थापना मिली, यही नही पुलिस की नौकरी करते हुए उनका चयन 3 बार छत्तीसगढ़ पुलिस में हुआ, नौकरी में रहते हुए उन्होंने उपनिरीक्षक की परीक्षा पास करते हुए, अधिकारी बनने तक का सफर पूरा किया, जिसमे उनका चयन छत्तीसगढ़ पुलिस में प्लाटून कमांडर के पद पर हुआ,
फिर क्या था इस सफर को तय करने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नही देख सिर्फ आगे बढ़ते गए, क्षेत्र में और क्षेत्र से बाहर उनकी पहचान एक सरल,सहज पुलिस अधिकारी के तौर पर हो चुकी थी, की तभी एक हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर के रख दिया, एक हादसे में प्लाटून कमांडर अविनाश सिंह चंदेल अपनो से दूर चले गए, विपरीत परिस्थिति और बुरे समय को पीछे छोड़ कैसे एक छोटे से गांव का लड़का पुलिस अधिकारी बनने तक का एक कठिन सफर पूरा करता है। ये कोई अविनाश सिंह से सीखे, जहां आज के आधुनिक युग के युवा युवापीढ़ी अपनी नाकामी का हवाला अपनी परिस्थिति को देते हैं, वही बिना किसी मार्गदर्शन के पुलिस अधिकारी बनने तक का सफर उन्होंने पूरा किया था।
जनसेवा उनकी पहली प्राथमिकता रही-
प्लाटून कमांडर अविनाश सिंह चंदेल सदैव जनसेवा के लिए उपास्थि रहते थे, चाहे रक्तदान हो, आर्थिक मदद या बात हो नवयुवकों के मार्गदर्शन की वो हमेशा सब की मदद किया करते थे और लोगो के बुरे समय में उनके साथ खड़े रहते थे, शायद यही कारण है कि कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ स्थित बटालियन में रहते हुए भी, अम्बिकापुर तक पुलिस विभाग के हर छोटे से बड़े कर्मचारी उन्हें न सिर्फ जानते थे बल्कि उन्हें “चंदेल साहब” के नाम से संबोधित करते थे।
संयोजक सांकर टाइगर टीम ने बताया कि 15 मई से 1 जून तक चलने वाले प्रतियोगिता में 64 टीमों ने हिस्सा लिया है । प्रतियोगिता प्रथम विजेता को 35 हजार एवं उपविजेता को 16 हजार रुपए नगद पुरस्कार एवं शील्ड प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य पुरस्कार भी खिलाड़ियों के लिए रखे गए हैं। कार्यक्रम में अघोर पीठ जनसेवा अभेद आश्रम (पोंड़ीदल्हा),
राणा पूर्णेद्र सिंह (पूर्व जिला पंचायत सदस्य)अनुराग सिंह चंदेल (मानव अधिकार आयोग CWA संभागीय अध्यक्ष बिलासपुर), सरपंच जगदीश पटेल, पूर्व सरपंच चंद्रशेखर जायसवाल, धनंजय सिंह चंदेल,गीतेश सिंह चंदेल, संजय सिंह चंदेल, बद्री शाहू, उदयराज सिंह चंदेल, राधेश्याम साहू, मनमोहन राज, हेमचन्द साहू, गोपी साहू, रिंकू राजपूत, अशोक उइके,अवधेश सिंह चंदेल, गौरीशंकर पटेल, होरिल यादव, मानस पटेल, अभय सिंह चंदेल, सौरभ साहू, सुभम साहू, दीपक मरावी, टुकू पटेल, गौरी शंकर पटेल,धनराज सिंग, राजशेखर, सिंग , श्लोक सिंह, अंकित यादव, शिवनंदन श्रीवास, निखिल राजपूत, विनय श्रीवास, कान्हा राजपूत, हिमांशु साहू, धीरज पटेल, निक्कू, दीपेश मरावी, ऋषि गोस्वामी, विक्की गोस्वामी, अखिलेश गोस्वामी, लुकेश साहू, राहुल पोर्ते, हेमचंद साहू, अमन उइके सांकर टाइगर टीम के सदस्य व ग्राम वासी उपस्थित थे।