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छत्तीसगढ़ संगीत नृत्य महोत्सव का रंगारंग समापन….शास्त्रीय नृत्य, संगीत व नाट्य का अद्भुत संगम….पचास से अधिक कलाकारों ने दी कई अद्भुत प्रस्तुति….

अनुराधा मैम गज़ल और सूफी प्रस्तुत की

Ninad संतूर में कुछ प्रसिद्ध रागों की प्रस्तुति अवाम अर्ध शास्त्री संगीत का संतूर के द्वारा संतूर में बजा कर दर्शकों के मनमोहा

Kathak में आधुनिक काल भक्ति काल मुगल काल अधिक काल में नृत्य अवाम संगीत का प्रस्तुति

नृत्य धारा के द्वारा राम भजन की प्रस्तुति

BILASPUR/ सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था श्री साईनाथ फाउंडेशन व नृत्यधारा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय प्रथम छत्तीसगढ़ संगीत नृत्य महोत्सव का कल रात रंगारंग समापन हुआ. विविध आयामों को खुद में समेटे इस अनूठे महोत्सव में संगीत व नृत्य की अनेक प्रस्तुतियों ने बिलासपुर सहित आसपास से पहुंचे सैकड़ों संगीत-नृत्य प्रेमियों को आनंदित किए रखा।

द्वितीय दिवस की बेला में शहर के ही वेस्ट ज़ोन डांस अकादमी की नन्ही नृत्य साधिकाओं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय नर्तक आँचल पांडेय ने अपने मार्गदर्शन में नृत्य की तालीम दी है, ने अपनी निश्छल प्रस्तुतियों से दर्शकों को भावुक कर दिया। पुणे से आए सुप्रसिद्ध युवा संतूर वादक निनाद दाईथणकर ने अपनी यादगार प्रस्तुति के दौरान राज झिंझोटी व पहाड़ी सहित अनेक लोकप्रिय तराने छेड़े, जिसने समस्त श्रोताओं को मंत्रमुग्ध होने पर मजबूर कर दिया, तबले पर भिलाई के युवा तबला वादक रामचंद्र सरपे ने उनके साथ संगत की। दो दिवसीय रंगारंग महोत्सव की समापन प्रस्तुति के रूप में वरिष्ठ कथक गुरु डॉ. आरती सिंह व उनके नेतृत्व में कमला देवी संगीत महाविद्यालय रायपुर की छात्राओं के ऋतु परिवर्तन पर आधारित कथक नृत्य ‘ऋतु श्रृंगार’ ने शमा बांध दिया।

समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सेक्रो बिलासपुर मंडल अध्यक्ष श्रद्धा पांडेय, सचिव शिप्रा पटेल, सीएमपीडीआई कार्मिक व प्रशासन विभागाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव, वरिष्ठ गायक व संगीत गुरु देवेंद्र गोस्वामी व बिलासपुर विश्वविद्यालय एन एस एस समन्वयक मनोज सिन्हा उपस्थित रहे, जिन्होंने समस्त आमंत्रित कलाकारों, सहयोगी संस्थाओं को सम्मानित भी किया।

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