पति-पत्नी के फर्जीवाड़े पर बिलासपुर पुलिस की सख्त कार्यवाही….लोन और इन्वेस्टमेंट के नाम पर की करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी…आरोपी मानस रंजन मिश्रा गिरफ्तार…फरार प्रभा की सरगर्मी से तलाश जारी…
खासखबर बिलासपुर/ दरसल मानस रंजन मिश्रा एवं प्रभा मिश्रा सरकण्डा थाना क्षेत्र में पिछले 4-5 वर्षों से त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन नामक माइक्रो फाइनेंसिंग कम्पनी चला रहे थे। इनकी यह कम्पनी भारत सरकार के कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स मंत्रालय में रजिस्टर्ड थी। इस कम्पनी के द्वारा ऐंजल इन्वेस्टर्स, वेंचर केपिटल तथा इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स से पैसे प्राप्त करने की पात्रता थी। परन्तु इन्होंने विगत वर्षों में सैकड़ों लोगों से पैसे नगद, चेक एवं अन्य माध्यमों से इस कम्पनी के अलावा एपी वेंचर्स नामक कम्पनी में अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देकर पैसे इन्वेस्ट कराये थे। इसी क्रम में प्रार्थी वीरेंद्र मसीह ने भी कुल 23 लाख 27 हजार रुपए 12 माह बाद दोगुने होकर मिलेंगे, इस झांसे में आकर जमा किए थे। इसी प्रकार अभी तक प्राप्त आवेदनों के आधार पर विभिन्न लोगों से मिश्रा दम्पति ने लगभग 2.5 करोड़ रुपए से अधिक इन्वेस्ट कराये थे और इनके पैसे वापस नहीं किए हैं।
वीरेंद्र मसीह के आवेदन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420, 409, 120B में अपराध पंजीबद्ध कर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में आरोपी मानस रंजन मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस रिमांड प्राप्त की गई है। प्रभा मिश्रा की पतासाजी की जा रही है।आरोपी मानस रंजन मिश्रा के मेमोरंडम के आधार पर 10/04/24 को त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन के सिटी कॉम्प्लेक्स स्थित ऑफिस में विधिवत तलाशी ली गयी, जिसमें फर्जीवाड़े से विभिन्न दस्तावेज एवं कम्प्यूटर सिस्टम जब्त किए गए हैं। प्रथम दृष्टया दस्तावेजों के अवलोकन पर फर्जीवाड़े का आकार और बढ़ने की संभावना है।विगत दिनों सिविल लाइन थाना क्षेत्र में भी इसी प्रकार के फर्जीवाड़े पर बिलासपुर पुलिस द्वारा प्रहार किया गया था। जिसमें विनय कृष्ण रात्रे द्वारा लोगों से लगभग 35 से 40 करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। जिस पर आरोपी विनय कृष्ण रात्रे के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। बिलासपुर पुलिस द्वारा ऐसे संगठित एवं सफेदपोश अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार लगातार जारी रहेगा। बिलासपुर पुलिस आपसे अपील करती है कि ऐसे ठगी करने वालों के झांसे में न आएं।