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पायल – एक नया सवेरा” वेलफेयर फाउंडेशन की अनोखी पहल:

बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
सच्ची सेवा वही होती है जो मौन पीड़ा को पहचान सके और उसे सहारा दे सके। इसी भावना को साकार करते हुए बिलासपुर की सामाजिक संस्था “पायल – एक नया सवेरा” वेलफेयर फाउंडेशन ने एक नई मिसाल कायम की है।

विजय अरोड़ा: उम्मीद की नई कहानी
तिफरा यदुनंदन नगर, बिलासपुर निवासी विजय अरोड़ा जी का हिप बोन चेंज (Hip Replacement Surgery) हुआ है। शारीरिक चुनौती के इस कठिन दौर में उन्हें संस्था से व्हील चेयर एवं वॉकर की सहायता प्राप्त हुई, जिसने दूसरी के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा । और जल्द ही रिकवर करने मैं मदद मिलेगी । विजय जी अब न केवल स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि संस्था के इस योगदान की प्रेरणास्पद मिसाल भी बन चुके हैं।


HIV पीड़ितों के लिए 8 वर्षों की सेवा
“पायल – एक नया सवेरा” वेलफेयर फाउंडेशन संस्था की सबसे विशेष बात यह है कि यह विगत 8 वर्षों से HIV संक्रमित व्यक्तियों को लगातार न्यूट्रिशन और प्रोटीन सप्लीमेंट्स की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। यह कार्य विशेषकर उन लोगों के लिए संजीवनी सिद्ध हो रहा है जो समाज के हाशिये पर खड़े होकर जीवन की लड़ाई लड़ रहे हैं।
नेतृत्व और उपस्थिति
इस अभियान की अध्यक्ष सुश्री पायल शब्द लाठ ने बताया कि संस्था का उद्देश्य न सिर्फ रोगियों को शारीरिक संबल देना है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा –
“सेवा का अर्थ सिर्फ दान नहीं, बल्कि ज़रूरतमंद के साथ खड़े रहना है, जब वह खुद को अकेला महसूस करे।”
संस्था के सचिव श्री चंचल सलूजा जी राजवीर लाट श्रीराम फाउंडेशन विशेष सहयोग रहा राहुल अग्रवाल लोकेश ठक्कर विशाल विजय बजाज भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि संस्था आने वाले समय में पोषण सेवा के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच शिविर, काउंसलिंग सत्र और जागरूकता कार्यक्रमों का भी विस्तार करेगी।
संस्था की आगामी दिशा
“पायल – एक नया सवेरा” वेलफेयर फाउंडेशन की योजना है कि भविष्य में एक न्यूट्रिशन एंड वेलनेस सपोर्ट सेंटर की स्थापना की जाए, जहां हड्डी रोग, HIV, कुपोषण और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को एक ही छत के नीचे सम्पूर्ण देखभाल मिल सके।

निष्कर्ष: संवेदनशील समाज की नींव

“पायल – एक नया सवेरा” वेलफेयर फाउंडेशन की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि सेवा की शुरुआत किसी बड़ी व्यवस्था से नहीं, बल्कि एक सच्चे इरादे से होती है। विजय अरोड़ा जैसे मरीजों को मिला सहयोग यह दर्शाता है कि जब संगठन और समाज एकजुट होकर काम करते हैं, तो हर चुनौती एक अवसर में बदल सकती है।

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