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पूर्व नियोजित भीड़ पहुंची थी पेट्रोल लेकर…..देश के संविधान को दी चुनौती….तिरंगा झंडा उतार कर लहरा दिया सफेद झंडा….

बलौदाबाजार भाटापारा / बलौदाबाजार भीड़ ने सीधे-सीधे देश के लोकतंत्र व संविधान पर हमला कर दिया। पूर्व से सुनियोजित षड्यंत्र के तहत लाठी डंडे व तलवार के अलावा पेट्रोल बम भी लेकर भीड़ पहुंची थी। कलेक्ट्रेट में आगजनी के अलावा तिरंगा झंडा उतार कर सफेद झंडा लहरा दिया गया। घटना के बाद दौरा छोड़कर गृह मंत्री विजय शर्मा समेत तीन मंत्रियों ने घटनास्थल का दौरा किया है। जिले में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।

दरसल बलौदाबाजार– भाटापारा जिला अंतर्गत बलौदाबाजार में हिंसक भीड़ ने कलेक्ट्रेट व एसपी कार्यालय में आगजनी तो की ही साथ ही उन्मादी भीड़ ने देश के संविधान व लोकतंत्र को चुनौती दे डाली। जिलों में शासन के अंग व सरकार की प्रमुख इकाई माने जाने वाले कलेक्टर– एसपी कार्यालय में आगजनी के साथ ही तिरंगा झंडा उतार कर सफेद झंडा भी भीड़ में लहरा दिया यह सीधे-सीधे भारत के लोकतंत्र व संविधान को चुनौती है। हिंसा के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। दौरा छोड़कर वापस लौटे गृह मंत्री विजय शर्मा समेत तीन मंत्रियों ने घटनास्थल का दौरा किया है।

गिरौदपुरी स्थित अमरगुफा में जैतखाम काटने के विवाद ने सोमवार को भीषण रूप ले लिया था। सतनामी समाज की जिले के दशहरा मैदान में बैठक थी। भीड़ ने यह कह कर अनुमति ली कि सिर्फ बैठक कर ज्ञापन सौंपा जायेगा। यहीं पर प्रशासन धोखा खा गया। 5 हजार से अधिक की भीड़ जुटी। जिन्हें रोकने के लिए चंद पुलिसकर्मी तैनात थे। जिसके चलते सफेद कपड़े पहने भीड़ का मनोबल बढ़ता गया। तीन स्थानों पर भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेटिंग की गई थी। जिसे भीड़ ने एक-एक कर तीनों को तोड़ दिया। भीड़ को देखते हुए चंद सुरक्षाकर्मी पीछे हटने लगे। पहले से तैयारी में आई आक्रोशित भीड़ ने लाठी– डंडे, तलवार लहराते हुए गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कलेक्ट्रेट मार्ग में खड़ी फायर ब्रिगेड को तोड़कर आग लगा दिया। बताते हैं आगजनी को काबू पाने में इसलिए देर लगी क्योंकि भीड़ ने पहले फायर ब्रिगेड को ही आग लगाया। इसके बाद जिले के सात सीमेंट संयंत्रों से फायर ब्रिगेड मंगवा आग पर काबू पाया गया।

भीड़ जब कलेक्टर एसपी कार्यालय की बिल्डिंग पहुंची और तोड़फोड़ कर गाड़ियों को आग लगना शुरू किया। तब फ्यूल टैंक फटने की वजह से तेज ब्लास्ट हो रहा था। बेबस लोग अपनी गाड़ियों के पास पहुंच भी नहीं पा रहे थे। 2 दिनों के बाद दफ्तर खुलने के चलते अच्छी खासी भीड़ कलेक्ट्रेट में थी। कोई अपनी जान बचाने के लिए टेबल के नीचे घुस तो कोई बाथरूम में छुपा। कर्मचारियों ने पीछे के रास्ते से भाग कर अपनी जान बचाई। जबकि जिले के कलेक्टर एसपी बिल्डिंग की छत पर दिखे।

फेंके पेट्रोल बम, उतारा तिरंगा:–

कलेक्ट्रेट परिसर से निकलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने रास्ते में पड़ने वाले दूसरे सरकारी दफ्तरों को नुकसान पहुंचाया। सबसे पहले जिला पंचायत के दफ्तर में भीड़ घुसी। पर हिंसा की खबर पाकर स्टाफ पहले ऑफिस छोड़ चुका था। तहसील परिसर में खड़ी गाड़ियों में भी जमकर तोड़फोड़ की। पूरी घटना में इंटेलिजेंस फैलियर सामने आई। यह इंटेलिजेंस की खामी ही थी कि हालात इस कदर बिगड़ने तक प्रशासन को भनक नहीं लगी। भीड़ के हाथों में लाठी डंडे व तलवार थी। साथ ही पेट्रोल बम भी लेकर वे पहुंचे थे। जिससे ऐसा लग रहा है कि अचानक भेड़ ने आक्रोशित होकर हमला नहीं कर दिया बल्कि यह पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ हुआ है। देश की आन–बान–शान माने जाने वाले तिरंगा झंडा जिसके लिए कई ने अपनी जान की कुर्बानी दी,जिसे लोकतंत्र व संविधान का प्रतीक माना जाता है उस झंडे को भी कलेक्ट्रेट कार्यालय से उत्पाती भिड़ ने उतार कर सफेद झंडा फहरा दिया। यह प्रशासन पर नहीं सीधे-सीधे देश के संविधान व लोकतंत्र पर हमला है। यह खुद को देश व संविधान से ऊपर समझने वाली बात है।

जिन पर जिले की सुरक्षा का जिम्मा वो खुद बने बंधक:–

जिले के प्रमुख अधिकारी माने जाने वाले कलेक्टर व एसपी खुद ही घंटे भर तक भीड़ के चलते बंधक बने रहे। शासन के लिए दोनों प्रमुख अधिकारी अपना ही ऑफिस नहीं बचा पाए। भीड़ जब कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची तब अवसर कर्मियों ने बाहर से दरवाजे बंद कर दिए। इस दौरान कलेक्टर एसपी समेत कई कर्मचारी अंदर ही थे। बहुत से हम लोग भी थे। इस दौरान कलेक्टर एसपी को छत पर देखा गया। फ्री में तकरीबन 1 घंटे तक के अफसर कर्मचारियों को बंधक बनाए रखा।

भीड़ तहसील दफ्तर में भी घुस गई। दस्तावेज लेखकों व राहगीर आमजनों के साथ भी मारपीट की गई। लोगों ने थाना व कोर्ट परिसर में घुसकर जान बचाई। 25 से अधिक पुलिस जवान हिंसा में घायल हुए हैं। जिले में 16 जून तक धारा 144 लागू की गई है।

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