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‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के किसानों को दी गई उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, छत्तीसगढ़ | 05 जून 2025
बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के वैज्ञानिकों द्वारा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत गौरेला ब्लॉक के ग्राम लालपुर एवं दौंजरा में कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई।

इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक कृषि विधियों, जलवायु-अनुकूल खेती और उच्च उत्पादन तकनीकों से परिचित कराना था, ताकि उनकी उपज और आय में वृद्धि हो सके।

प्रमुख बिंदु:

धान की उन्नत किस्में एवं खरपतवार नियंत्रण:
वैज्ञानिकों ने किसानों को धान की उन्नत किस्मों के चयन, फसल प्रबंधन और एकीकृत खरपतवार नियंत्रण की वैज्ञानिक विधियों से अवगत कराया।

खरीफ की अन्य फसलें:
मक्का, मोटे अनाज (लघु धान्य), दलहन एवं तिलहन जैसी फसलों की उच्च उत्पादकता हेतु उन्नत कृषि तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की गई।

फलदार पौधों का चयन और मिश्रित खेती:
जलवायु-उपयुक्त फलदार पौधों की जानकारी देते हुए किसानों को मिश्रित खेती और बहुफसली पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

विशेषज्ञों का योगदान:

डॉ. गीत शर्मा (वरिष्ठ वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान) ने धान की उन्नत किस्मों, बीज उपचार एवं फसल प्रबंधन पर व्यावहारिक जानकारी दी।

डॉ. संजय वर्मा (प्राध्यापक, उद्यानिकी) ने फलदार पौधों की महत्ता समझाई एवं बागवानी के व्यावसायिक लाभों को रेखांकित किया।

डॉ. रोशन परिहार (सहायक प्राध्यापक, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन) ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा विकसित सुगंधित व नवीन किस्मों की जानकारी दी और रबी एवं खरीफ मौसम की बहुविध फसलों को अपनाने पर बल दिया।

अभियान का उद्देश्य और प्रभाव:

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह पहल किसानों को पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़कर आधुनिक, लाभकारी और जलवायु-संवेदनशील कृषि प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इससे ना केवल फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि स्थायी कृषि विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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