सेवा सहकारी समिति के आंदोलनकारियों के सामने आखिरकार सरकार ने टेके घुटने

3 सूत्रीय मांगों को पूरा करने का दिया आश्वासन
अब 14 नवंबर से शुरू होगा धान खरीदी
बिलासपुर। सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों की 3 सूत्रीय मांगों को आखिरकार राज्य सरकार ने मान लिया है। जिसके कारण सेवा सहकारी समिति ने प्रदेश भर से हड़ताल खत्म कर धान खरीदी की तैयारियों में जुट गए है।
बता दे सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी नेहरू चौक में 9 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहे। धरना प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी संघ ने कहा था कि उनकी लंबित मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है । जबकि पिछले कई वर्षों से विभिन्न पत्राचार और ज्ञापन के माध्यम से शासन को मांगों के बारे में सूचित किया गया था। लेकिन हर बार उन्हें केवल मौखिक आश्वासन ही मिला। इसके बावजूद अब तक किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं हुआ है। जिसके कारण कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन का रुख अपनाना पड़ा था।
लेकिन राज्य सरकार ने मांग पूरा करने का आश्वासन दिया है इसलिए अब हड़ताल को खत्म करके वापस काम पर लौटने का निर्णय लिया गया है और 14 नवंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी पर ज्यादा फोकस करने का मन बना लिया है।
ये रही सेवा सहकारी समिति की प्रमुख मांग
1 प्रबंधकीय अनुदान, मध्यप्रदेश शासन की तरह छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 5-5 लाख रुपए का प्रबंधकीय अनुदान प्रदान किया जाए।
2 सेवा नियमों में सुधार और पदोन्नति,सेवा नियमों में सुधार किया जाए और जिला सहकारी बैंकों में पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमित किया जाए।
3 धान खरीद में नुकसान से बचाव,धान उपार्जन प्रक्रिया में होने वाले नुकसान से बचाव के लिए ‘सुखत’ का प्रावधान किया जाए।
कर्मचारी बोले,अगर सरकार नहीं मानती तो हड़ताल जारी रहता
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बोला कि अगर सरकार मांग पूरा नहीं करती तो हड़ताल जारी रहता और यह तब तक जारी रहता कब तक हड़तालियों की मांगों को पूरा नहीं कर लिया जाता।
चाहे धान खरीदी हो या न हो,इससे हमको कोई फर्क नहीं पड़ता।क्योंकि हमारी अभी की नहीं बल्कि पुरानी लंबित मांगे थी।
14 नवंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी को लेकर प्रशासन भी था असमंजस में
भले ही जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारी यह बोलने से नहीं चुके कि धान खरीदी होगी और जरूर होगी,चाहे इसके लिए ऑपरेटर के धान की खरीदी क्यों न करना पड़े। लेकिन अंदर ही अन्दर खुद प्रशासन भी डरा हुआ रहा। इसमें खाद्य विभाग सहकारी बैंक,डीआर और राजस्व विभाग और कृषि विस्तार अधिकारी शामिल है जिनकी धड़कने तेज थी। अगर हड़ताल खत्म नहीं होता तो इनकी ड्यूटी इतनी ज्यादा लगती कि इनकी हालत खराब हो जाती।
किसान भी हुए खुश
धान बेचने वाले किसान भी अब खुश हुए है किसानों ने फोन पर बताया कि भले ही धान खरीदी की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है ।लेकिन जो जानकर है उसके बिना धान खरीदी होना मुश्किल हो जाता है। इसलिए किसान भी थोड़ा सोच में डूबे हुए थे। लेकिन हड़ताल खत्म होने की खबर पाकर खुशी मिली है।
राज्य सरकार ने सेवा सहकारी समिति वालो की मांगों को मान लिया है। सीएम के निर्देश पर उच्च अफसरों के साथ कोर कमेटी की बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लेते हुए राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों की 3 सूत्रीय मांगों को मानकर हड़ताल करने का निवेदन किया।इसलिए यह हड़ताल अब खत्म किया गया है।
कमल पाटनवार
जिलाध्यक्ष सेवा सहकारी समिति संघ बिलासपुर
सेवा सहकारी समिति ने निर्णय लिया था कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो धान खरीदी का बहिष्कार किया जायेगा।इसके लिए प्रदेश भर के प्रबंधकों ने एक स्वर में मीटिंग करके मन बनाया था।
जय प्रकाश साहू
प्रदेश उपाध्यक्ष सेवा सहकारी समिति
राज्य सरकार ने सेवा सहकारी समिति वालो की मांगों को मान लिया है और अब 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू होगी।
आशीष दुबे
नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक