स्कूल में बच्चों को शिक्षित करने महज़ दो शिक्षक…..जानिये आखिर कौन सा है वह स्कूल…..
खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। 1981 में स्थापित एक सरकारी स्कूल की बात करें तो यहां वर्ष 2006 में 90 बच्चे दर्ज थे 2011 में 84 फिर 2013 में 62 बच्चे। साल दर साल दर्ज संख्या में गिरावट आती गई अब स्कूल में बच्चों को शिक्षित करने महज़ दो शिक्षक हैं, जो मात्र 33 दर्ज बच्चों को शिक्षित करने का काम पूरी लगन से कर रहे हैं और दोनों शिक्षक की निगरानी में शासन की तमाम योजनाएं संचालित हो रही है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो यहाँ बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता स्पष्ट नजर आती है।
ये सरकारी स्कूल है यहाँ पांच अलग अलग क्लास के 33 बच्चों को दो शिक्षक बिना किसी टाल मटोल के बड़ी ईमानदारी से मिलकर ज्ञान बांटने का काम करते हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं कोटा विकास खंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक शाला घांसीपुर की जो रतनपुर बेलगहना मुख्य मार्ग पर संचालित है। स्कूल मुख्य मार्ग पर स्थित होने से यहां भारी वाहनों की आवाजाही है और स्कूल की बाउंड्री वाल गेट विहीन है जिससे छोटे छोटे बच्चे खेलते हुए सडक़ पर आ जाते हैं जिससे उनकी सुरक्षा व्यवस्था का सवाल खड़े हो रहा है।
गेट विहीन क्यों है बाउंड्रीवाल?
आश्चर्य की बात यह कि स्कूल की बाउंड्री वाल दो जगहों से गेट विहीन है जिसके चलते स्थानीय ग्रामीण भी स्कूल परिसर से दो पहिया वाहनों से आते जाते हैं जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
अंत में बस इतना ही कि ज्ञान के मंदिर में मुफ़्त में मिलने वाली सरकारी शिक्षा मुफ़्त की तमाम योजनाओं के बावजूद भी सवालों के घेरे में इसलिए आन खड़ी है क्योंकि जिम्मेदार शिक्षा अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का रवैया सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उदासीन है, जरूरत है कि ऐसे तमाम स्कूलों का निरीक्षण कर वहां तत्काल सुरक्षा की व्यवस्था की जाय ताकि स्कूलों में अध्ययन करनें वाले बच्चों के माता पिता बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता मुक्त हों और शिक्षक भी बिना किसी तनाव के अध्ययन करा सकें।