कालाबाज़ारी और मुनाफ़ाखोरी के कारण महंगाई बढ़ रही है,जनता ने दस वर्षों से सिर्फ़ महंगाई का स्वाद चखा है—शैलेश
जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है और महीना पार नहीं हो पा रहा है – शैलेश
पिछले कुछ महीनों से या यह कहें कि चुनाव के बाद से महंगाई कम नहीं हो रही है अचानक देश की जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है महीना पार नहीं हो पा रहा है।इसका बढ़ा कारण मुनाफ़ाखोरी और कालाबाज़ारी है और ये मुनाफ़ाखोर बस इसी ताक में बैठे रहते है कि कब स्टॉक रोक दो ताकि बाज़ार में अच्छे दाम मिल सके।खुदरा महंगाई के बाद अब थोक की वस्तुओं में भी महंगाई बढ़ गई है और सभी जून में बढ़ी है इसका मतलब साफ़ है कि सरकार केवल अपने मतलब से काम करती है जनता की उसको परवाह नहीं है।
सब्ज़ियों के दाम असमाँ छू रहे है ग़रीब और मध्यम वर्गीय परिवार अपना गुजरा कैसे करेंगे ये समझ के परे है और बड़े बड़े शिक्षा विद् और बैंक के अधिकारी मोदी सरकार की चापलूसी करने के लिए सार्वजनिक बड़ी बड़ी बाते और दावे कर रहे है।सरकार अपना चुनाव निपटा कर सत्ता में फिर काबिज हो गई है और उसको इस महंगाई को नियंत्रण करने में कोई रुचि नहीं है।
सब्ज़ियाँ,फल,खाद्य तेल,कच्चा तेल,दलहने और सभी ज़रूरी और रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आने वाली वस्तुयें सभी महँगी होती जा रही है जनता शांत है और यह सोंचकर कि शायद अच्छे दिन आयेंगे लेकिन दस साल से तो एसा नहीं हुआ है।पिछले दस वर्षों में सिर्फ़ महंगाई का स्वाद चखा है और कुछ हासिल नहीं हुआ है।