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शिक्षा विभाग सहित DEO की भूमिका संदिग्ध…..प्रियंका….इधर जसबीर ने कहा,निष्पक्ष जाँच कर कड़ी कार्रवाई हो,नहीं तो होगा आंदोलन

खासखबर बिलासपुर / सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील प्रियंका शुक्ला एवं सामाजिक कार्यकर्ता जसबीर सिंग द्वारा बिल्हा ब्लॉक के शासकीय स्कूल में हुई यौन शोषण की घटना के संबंध में प्रेसवार्ता की गई।जसबीर सिंह ने बताया कि दिनाँक 09/03/2024 को प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में रवि यादव, पूजा केवट, सुखीराम केवट की एक जांच टीम बिल्हा के उस गांव में जाकर पीड़ित बच्चियो से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली।

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए प्रियंका शुक्ला अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि हमारी टीम के द्वारा मामले में फैक्ट फाइंडिंग की गई, और पाया कि लंबे समय से आरोपी शिक्षक कमलेश साहू शासकीय स्कूल की ही बिल्डिंग में रहता है, और मौका पाते ही बच्चियो से छेड़खानी करता है।

मामले में टीम द्वारा परिजन, सरपंच और अन्य शिक्षक आशा कवर एवं अविनाश तिवारी से भी बात कर जानकारी ली गयी थी, जिसमे यह पाया कि शिक्षकों को जैसे ही जानकारी लगी, उनके द्वारा अपने सम्बंधित अधिकारी और परिजन को सूचना दिया गया था किंतु उसके बाद उल्टा मामले को सामने लाने वाले शिक्षकों को ही स्कूल में घुसकर दो लोग ने धमकियां दी और आरोपी को बचाने के लिए उसके पक्ष में रिपोर्ट बनाने का दबाव बनाया गया, इसकी शिकायत भी शिक्षक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को दी गयी।

प्रियंका शुक्ला ने बताया कि गाँव के बाद जब दिनाँक 09/03/24 को जब बिल्हा थाने गए और TI से मामला संज्ञान में लेकर कार्यवाही को बोला गया, तो उन्होंने बताया कि विभाग से अब तक उनके पास कोई भी पत्र या शिकायत नही आई है, इसलिए कार्यवाही नही हो सकी है, इसी बीच एक पीड़ित बच्ची अपने दादा के साथ आई तब FIR दर्ज कर अगले दिन शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है।

इस पूरे मामले में सबसे दुखद यह है कि जिन शिक्षकों ने मामला उजागर किया, उनके खिलाफ ही विभाग ने कार्यवाही कर दी, जब कि ऐसा नही होना था।

मामले में शिक्षा विभाग सहित जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध जान पड़ती है, क्योंकि उनके द्वारा मामले में कोई FIR या कानूनी कार्यवाही नही करवाई गई, मामले को दबाने की कोशिश की, और जिन शिक्षकों ने मामले को सामने उजागर किया, उंनको ही सजा के तौर पर वेतन वृद्धि रोका गया और दूर ट्रांसफर कर दिया गया।

इस पूरे मामले में प्रियंका शुक्ला एवं उनकी टीम से उन सभी पर कार्यवाही की मांग की है, जिन्होंने शिक्षकों को जाकर धमकाया था ,साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध बताई है।

प्रियंका शुक्ला एवं जसबीर सिंग ने मामले में जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर भी एक निष्पक्ष विभागीय जांच की मांग की है।

प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हम आम जनता से भी अपील करते है कि इस तरह के मामलों में अपने बच्चों की सुने, बच्चों को चुप कराना, उंन्हे दबाना बंद करिये और बच्चों की भी सुनिए ,ताकि बच्चे सुरक्षा महसूस कर सके और कोई बड़ी घटना घटने से रोक लग सके।

प्रियंका शुक्ला ने यह भी बोला कि मामला POCSO से सम्बंधित है, इसलिए POCSO कानून की गाइडलाईन का पालन हो और उसके तहत जांच प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए।

जसबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनाँक 11/03/2024 को हमारे द्वारा उक्त घटना के संबंध में जिले के कलेक्टर को लिखित चिट्ठी भी दी गयी है उम्मीद है उसको संज्ञान में लेकर न्याय किया जावेगा।

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