25 छात्रों की हथेली पर गरम तेल मामले की घटना पर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने लिया संज्ञान
खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर /
विगत दिनों 09 दिसम्बर को समाचार पत्र में प्रकाशित खबर एवं मीडिया में चल रहे मेसेज एवं टीवी पर दिखाये जा रहे समाचार कि कोंडागॉंव जिले के माकड़ी ब्लॉक के केरावाही मिडिल स्कूल के 25 मासूम छात्रों की हथेली पर शिक्षकों के द्वारा बर्बरतापूर्वक रवैया अपनाते हुए छात्रों को सजा देने के नाम पर कड़ाई में उबलते तेल की बून्दे उनके हथेलियों में डालने एवं उन छात्रों के हथेलियों पर फफोले पड़ जाने की घटना पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी के द्वारा संज्ञान लेते हुए सालसा के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल के माध्यम से तत्काल आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया, तत्पश्चात् सालसा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोण्डागांव के जिला न्यायाधींश/अध्यक्ष को जिला प्राधिकरण के सचिव के माध्यम से पीड़ित छात्रों को उनके परिजनों के माध्यम से उनके विधिक अधिकारों की जानकारी प्रदान किये जाने तथा विधिक सहायता, सलाह उपलब्ध कराये जाने तथा शासन की योजना के अनुरूप आर्थिक सहायता हेतु समुचित क्षतिपूर्ति राशि दिलवाये जाने तथा संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, साथ ही प्रथम दृष्टया अपराध प्रकट होने पर दोषियों के विरूद्ध विधि अनुसार उचित अग्रिम कार्यवाही अनिवार्य रूप से किये जाने भी निर्देश दिये गये। इसके अलावा प्रदेश के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से स्कूलों, छात्रावासों में बच्चों/छात्रों के प्रति बर्बरतापूर्वक व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु न्यायाधीशों, पैरालीगल वॉलिटियर्स एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से इस संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान करने एवं व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
अवगत हो कि पूर्व में भी सालसा के माननीय कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी द्वारा जिला कांकेर के एक दत्तक ग्रहण केन्द्र में प्रोग्राम मैनेजर द्वारा एक बच्चे के साथ किये गये बर्बरतापूर्वक पिटाई मामले में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रशासन के सहयोग से तत्काल कार्यवाही की गई थी। इसके अलावा प्रदेश भर के बाल गृह, दत्तक गृह इत्यादि में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को प्रत्येक माह भ्रमण किये जाने एवं ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के संबंध में निर्देश प्रसारित किये गये हैं।