824 शिक्षकों में से अब तक 400 से अधिक ने नए जगह में दी ज्वाइनिंग, कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथि 9 जून हैं निर्धारित
– बिलासपुर जिले के 824 अतिशेष शिक्षकों को नई पोस्टिंग आर्डर जारी कर दिया गया है। 400 से अधिक शिक्षकों ने नई पदस्थापना में जॉइनिंग दे दी हैं। 9 जून जॉइनिंग की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
बिलासपुर। बिलासपुर जिले में युक्तियुक्त शिक्षकों की पदस्थापना के बाद उन्होंने अपने नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 824 शिक्षकों में से अब तक 400 से अधिक शिक्षकों ने अपने नवपदस्थापित विद्यालयों में ज्वाइनिंग दे दी है। कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथि 9 जून निर्धारित की गई है।
अधिकतर शिक्षक कार्यभार ग्रहण कर आगामी शैक्षणिक सत्र की तैयारी में जुट गए हैं। शासन की मंशा के अनुरूप बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। युक्तियुक्तकरण के तहत उन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जहां या तो शिक्षक नहीं थे या फिर एकल शिक्षक ही पदस्थ थे। इससे बच्चों को अब नियमित पढ़ाई का लाभ मिलेगा और ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा।
आदिवासी- बैगा बाहुल्य ग्रामों में पहले भेजे शिक्षक:–
अफसरों के अनुसार खपराखेल, कुसुमखेड़ा (कोटा), सबरियाडेरा, लोहर्सी (मस्तूरी), डिलवापारा (तखतपुर) जैसे आदिवासी बहुल और बैगा बाहुल्य ग्रामों में पहले शिक्षक नहीं थे। अब इन गांवों के प्राथमिक स्कूलों में दो-दो शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। साथ ही चितवार, जैतपुर, तरवा और नगोई जैसी पूर्व माध्यमिक शालाओं में तीन-तीन शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। हाईस्कूल स्तर पर भी कुकुदा में पाँच, सैदा में चार और कुकुर्दीकला में तीन शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगी बेहतर शिक्षा:–
शिक्षकों की नियुक्तियों से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। खपराखेल और कुसुमखेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि पहले बच्चों को दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ने जाना पड़ता था, जिससे बच्चों को तकलीफ होती थी और अभिभावकों को चिंता बनी रहती थी। अब गाँव में ही शिक्षक उपलब्ध होने से बच्चों को शिक्षा का अधिकार सुलभ होगा और शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा।