तहसीलदार को मित्र बता 2 लाख में नामांतरण का दिया झांसा…किसान की जमीन हड़पी…प्रशासन की बड़ी लापरवाही…शासन को राजस्व का नुकसान
खासखबर रायपुर। राजधानी रायपुर में लगातार किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आ रहा है। एक मामला ऐसा है जहां आरोपी ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बता पहले नामांतरण के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे फिर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से किसान की ज़मीन ही हड़प ली। इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई है जहां पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
आपको बता दे की पीड़ित किसान रूपेंद्र कुमार जांगड़े के स्वर्गीय पिता सुखेलाल जांगड़े के नाम पर ग्राम पंडरीतराई स्थित भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया के लिए उसने जमीन दलाल विकास राकुंडला से संपर्क किया जिस पर विकास ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बताते हुए 2 लाख रुपयों में नामांतरण करवा देने का आश्वासन देते हुए 1 लाख रुपए लिए जिसके बाद किसान व उसकी माता को जालसाजी कर उनसे मुख्यतार नामा लेते हुए स्वयं के पिता व मित्र के नाम पर उक्त भूमि की रजिस्ट्री कर ली। अब किसान का आरोप है की उक्त भूमि के वारिसान सूखेलाल की तीनो बेटियां भी थी, जिनके ना कही हस्ताक्षर मौजूद है ना ही किसी अन्य प्रकार के दस्तावेज, साथ ही मुख्तयार नामा केवल न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग हेतु दिया गया था ना की ज़मीन बेचने के लिए। ये सब के अलावा किसान ने यह भी आरोप लगाया है की रजिस्ट्री में दर्शाई गई राशि गलत है, रजिस्ट्रार ने उक्त भूमि का बिना स्थल निरीक्षण किए ही बैनामा पंजीयन हेतु अनुमति दे दी जिससे शासन को भी राजस्व का नुकसान हुआ है।
किसान ने रायपुर तहसील की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशाना खड़े करते हुए आरोप लगाया है की फर्जी दस्तावेजों की बिना जांच किए, असली हकदारों के बिना हस्ताक्षर किए,बिना नोटिस तामील कराए,बड़ी रफ्तार के साथ जिस प्रकार से आरोपी के पक्ष में नामांतरण की कार्यवाही की गई है, इसमें अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। अब किसान ने न्याय के लिए पुलिस का दरवाज़ा खटखटाया है, देखना यह होगा कि कब तक पुलिस मामले की जांच कर आरोपी को हिरासत में लेकर उचित कार्यवाही करती है, क्युकी अगर कार्यवाही नही होती तो ऐसे अपराधियों के हौसले बुलंद होते चले जायेंगे और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान प्रताड़ित होते रहेंगे।