फिर शिक्षकों ने किया एक नया मिशाल कायम
खासखबर शिवरीनारायण / हर व्यक्ति अपने लिए रोज रोज जीता है लेकिन दूसरों के लिए एक पल भी जी के देखो तो मन को ख़ुशी मिलता है ये अभी चर्चा का विषय बना हुआ है दरअसल बात उन शिक्षकों कि है जो दिसंबर माह में ठण्ड से ठिठुरते हुए जरुरत मंद लोगों को रेल्वे स्टेशन चाम्पा एवं उसके आस पास के कई क्षेत्रो में कई चरणों में कंबल प्रदान कर एक मिसाल कायम किये है इसी कड़ी में नववर्ष के सुअवसर पर बी डी एम हॉस्पिटल चाम्पा में कल भर्ती मरीजों को फल एवं बिस्कुट वितरित किया गया और उन मरीजों के साथ दो पल बैठकर उनके स्वाथ्य के बारे में हाल चाल जाना, जिनसे भर्ती मरीजों के चेहरे में अपनापन का अहसास झलकने लगा। जब तीनों शिक्षक एका एक बी डी एम हॉस्पिटल चाम्पा पहुँचे। जहाँ दुर्घटनाग्रस्त मरीज भर्ती था जिसके सर पर गहरे चोट लगे हुए थे जब उनका स्वाथ्यगत हाल चाल जान फल प्रदान किया गया तो उस मरीज के आँखो में आंसू आ गए। और उसने कहा कि आप शिक्षक का फ़र्ज खूब निभा रहें है यहाँ खून का रिश्ता भी अनजान हों गया है जो मुझे देखने तक नही आए है इस विपत्ती कि घड़ी में आप देव तुल्य आकर हाल चाल पूछ रहें है इस बात को सुनते ही सभी शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि आप निश्चिंत रहें आपकी हर यथा संभव मदद करेंगें। महिला वार्ड में भर्ती मरीजों को भी बहुत ख़ुशी हुई क्योंकि कई मरीजों के भाई नही थे जिन्हे ऐसा लगा कि उनके भाई उनका हाल चाल जानने आए है ये शिक्षक सरोज कांत, राजेश बरेठ , देवेंद्र वस्त्रकार और डिकेश्वर देवांगन ने कहा कि अपने जीवन का कुछ पल रोज दीन दुःखियों की सेवा में लगाएंगे।