जयरामनगर पीएससी सेंटर के आरएमए को सीएमएचओ क्यों दे रहे अभयदान ? गंभीर आरोप के बाद भी कार्यवाही नहीं
०० आरएमए पीजी कम्पनी की दवाए लिखकर मरीजो से कर रहे जमकर वसूली
०० कुछ विशेष मेडिकल स्टोर्स में ही मिलती है आरएमए द्वारा लिखी पीजी कम्पनी की दवाए
०० उच्च न्यायलय के आदेश की सीएचएमओ कर रहे अवहेलना, कार्यवाही नहीं होने से आरएमए के हौसले बुलंद
खासखबर बिलासपुर : मस्तुरी क्षेत्र के जयरामनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ आरएमए जितेश शर्मा द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के गरीब मजदूरों को ईलाज के नाम पर 1000, 1500, 2000 प्रिस्केप्सन लिखा जाता हैं, जिसका मोटा कमीशन आरएम्ए को जाता है| आरएमए जितेश शर्मा पीजी कम्पनी की दवाई ही लिखकर मरीजो को देता है जो आरएमए से जुड़े कुछ विशेष मेडिकल स्टोर्स में ही मिलते है सामान्य बिमारी सर्दी खांसी की जो दवाई 10 से 20 रूपए की की मिलती है वही पीजी कंपनी से लेने 200 से 300 रूपए तक में मिलती है ऐसे ही दवाई आरएमए जितेश शर्मा द्वारा मरीजो को लिखकर दी जाती है ताकि मोटा कमीशन मिल सके| आरएमए जितेश शर्मा के काले कारनामो के उजागर होने के बाद भी आखिरकार सीएमएचओ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है वही बिलासपुर कलेक्टर को भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए वसूली बाज कमिशनखोर स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि गरीब, ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके|
ज्ञात हो कि राज्य इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएसन छत्तीसगढ़ स्टेट ब्रांच सयोजक वैभव शास्त्रीने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर को लिखे पत्र में कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयरामनगर में पदस्थ आरएम्ए (एलोपैथी में प्रैक्टिस का अधिकार नहीं) के द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का खुलेआम उल्लघन करते हुए स्वतंत्र रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार किया जा रहा है साथ ही गरीब जनता को सरकारी दवाई का दुष्प्रचार कर ब्रांडेड दवा दिखकर निजी मेडिकल और दवा कंपनी से मोटी रकम वसूला जा रहा है जबकि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आरएम्ए को किसी भी प्रकार का एलोपैथी में प्रैक्टिस व् दवा लिखने पर पूर्णत: प्रतीबंध लगा हुआ है| इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सयोजक वैभव शास्त्रीने ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ऍफ़आईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए भविष्य में उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना ना हो इसके लिए आरएमए पर कड़ी से कड़ी क़ानूनी कार्यवाही कर सभी आरएमए के लिए प्रैक्टिस ना करने सम्बंधित आदेश जारी करने की मांग किया है|
ऐसा का कमीशन का पूरा खेल :- जयरामनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ आरएमए जितेश शर्मा द्वारा स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज कराने आए मरीजो को पीजी कम्पनी की दवाए ही लिखकर दी जाती है, पीजी कंपनी की दवाए थर्ड पार्टी मेनूफैक्चरिंग करा कर एमआरपी मनमाफिक तरीके से कीमत लगाकर विक्रय किया जाता है जिसका कोई मापदंड नहीं होता है| पीजी कंपनी डीपीसीओ से अलग हो होती है इसीलिए इनकी कीमत सरकार तय नहीं करती वही जो दवा कंपनी डीपीसीओ के तहत आती है उसकी कीमते सरकार तय करती है और इसकी कीमते बेहद कम होती है| आरएमए जितेश शर्मा पीजी कम्पनी से मिलीभगत कर मोटा कमीशन लेने के फेर में मरीजो को दवाए ही लिखकर देते है जो गंभीर मामला है|