बैंक के शाखा प्रबंधक की मनमानी जोरों पर….दलाली प्रथा को दे रहे हैं बढ़ावा…..हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
खासखबर राजनगर कालरी- कोयलांचल क्षेत्र पौराधार में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा रामनगर कॉलरी के नाम से संचालित है,बैंक के शाखा प्रबंधक के द्वारा नियमों के विपरीत काम किया जा रहा है और साथ ही बैंक के ग्राहकों /उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार भी किया जाता है,नगर परिषद डूमरकछार के अंतर्गत यह एक मात्र बैंक है, शासन के विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन भी इसी बैंक के माध्यम से होता है,नगर परिषद डूमर कछार में शासन की योजनाओं एवं अन्य योजनाओं के तहत भी लोन प्रदाय किए जाते हैं जो स्थानीय बैंक के माध्यम से होता है,साथ ही बैंक में अन्य कार्यों के लिए कालरी कर्मचारी भी बैंक पहुंचते हैं तो शाखा प्रबंधक के द्वारा अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता है।
स्टेटमेंट के नाम पर की गलत कटौती:-
शाखा रामनगर कालरी के उपभोक्ता अखिलेश सिंह ने बताया कि मैं बैंक में स्टेटमेंट लेने गया तो महज कुछ पन्नों के प्रिंट आउट लेने के लिए ₹1200 मुझे देने के लिए कहा गया तब मैंने प्रिंट आउट निकालने और स्टेटमेंट लेने से मना कर दिया,स्टेटमेंट तो मैंने नहीं लिया लेकिन मेरे खाते से लगभग 1020 काट लिए गए, जब मैं शाखा प्रबंधक के पास इस विषय पर जानकारी लेने गया तो मुझे कहा गया कि आपने स्टेटमेंट लिया है,मैंने कहा मैंने नहीं लिया है फिर भी मेरे खाते से राशि कटौती की गई है तब शाखा प्रबंधक आग बबूला हो गए
और मेरे साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार करने लगे साथ ही कहा कि जहां जो मेरा शिकायत करना है कर दो
जंहा मेरा जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता
मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा,हालांकि इस बात की शिकायत अखिलेश सिंह ने बैंक के उच्च अधिकारियों को कर दी है।
स्ट्रीट वेंडर योजना का भी नहीं दिया जा रहा लाभ:-
वहीं दूसरी तरफ स्वरोजगार से जोड़ने के लिए केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना स्ट्रीट वेंडर के तहत दर्जनों हितग्राहियों ने नगर परिषद कार्यालय में आवेदन किया है उन आवेदनों को पूर्ण कर नगर परिषद के द्वारा स्थानीय बैंक को भेजा गया है सभी दस्तावेज पूर्ण होने के बावजूद स्ट्रीट वेंडर एवं अन्य योजनाओं का लाभ स्थानीय बैंक के द्वारा नहीं दिया जा रहा है,इस संबंध में भी शिकायतकर्ता राम प्रवेश चौधरी ने भी विभिन्न स्तरों पर शाखा प्रबंधक के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी है।
दलाल हैं हावी उपभोक्ता हैं परेशान:-
शाखा प्रबंधक की मनमानी से जहां शासन की योजनाओं से संबंधित हितग्राहियों को राशि प्रदान नहीं की जा रही है वंही दूसरी तरफ बैंक के ग्राहकों/ उपभोक्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाखा प्रबंधक और स्टाफ का ज्यादा मन यहां लोन पास करने में और दलालों के द्वारा ले गए कामों को करने में ज्यादा मन लगता है ,तभी तो शाखा में यह आलम है कि शाम 5:00 बजते ही दलालों का जमावड़ा बैंक में लग जाता है आलम यह है कि कोई भी काम आपको कराना है तो आप दलालों के माध्यम से बैंक आइये सुविधा शुल्क के रूप में दलाल को पैसा दीजिए और आपका बैंक सम्बंधित काम हो जाएगा अगर आप बिना दलाल के बैंक जाते हैं तो आपको कई असुविधाओं का सामना भी करना पड़ता है।
फिक्स्ड की बजाय कर दी जाती है एलआईसी :-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोल इंडिया से सेवानिवृत्त कई कर्मचारी स्थानीय शाखा में फिक्स्ड के रूप में राशि को जमा करने आते हैंबैंक के द्वारा उनका एलआईसी कर दिया जाता है, ग्राहक के द्वारा फिक्स्ड का प्रमाण पत्र मांगने पर बैंक के द्वारा गुमराह किया जाता है और एलआईसी हो गई है यह उपभोक्ता को तब पता चलता है जब एलआईसी का बाउंड घर पर आता है या बैंक द्वारा बाउंड ग्राहक को प्रदाय किया जाता है,ऐसे भी कई उपभोक्ता हैं जो बैंक के इस तरह के कारनामों के शिकार हुए है,सवाल यह उठता है कि जब उपभोक्ता फिक्स्ड डिपाजिट करने के लिए शाखा में आता है तो आप किस अधिकार से बैंक के ग्राहकों को एलआईसी की पॉलिसी बेच रहे हैं,भोले भाले और सीधे-साधे उपभोक्ताओं के साथ बैंक के शाखा प्रबंधक,कर्मचारियों एवं दलालों के द्वारा भ्रष्टाचार एवं गबन के कई और भी मामले है।
इनका कहना है:-
बैंक के विरुद्ध कई प्रकार की शिकायतें ग्राहकों/उपभोक्ताओं ने मेरे समक्ष भी की है, शासन की योजनाओं के संचालन में भी स्थानीय बैंक के द्वारा पूर्ण सहयोग नहीं किया जाता है। साथ ही बैंक में दलाली की खबरें भी लगातार मिल रही है इस संबंध में बैंक के उच्च अधिकारियों के समक्ष मेरे द्वारा शिकायत प्रस्तुत की जाएगी ताकि बैंक के ग्राहकों को समुचित लाभ मिल सके और बैंक के अधिकारियों सहित दलाली प्रथा पर अंकुश लग सके।
डॉ. सुनील कुमार चौरसिया अध्यक्ष
नगर परिषद डूमरकछार