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विद्यार्थी गुरू शिष्य परंपरा का अनुसरण करें : कौशल्या साय

पॉइंटर – महाविद्यालय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों हेतु पांच दिवसीय दीक्षारंभ प्रेरण कार्यक्रम का दूसरा दिन

बिलासपुर – बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर में नवीन शिक्षा नीति के तहत शिक्षा सत्र 2024-25 में नव प्रवेशित स्नातक पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को चार वर्षीय पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने हेतु आयोजित पांच दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम ‘‘दीक्षारंभ’’ के दूसरे दिन आभासी माध्यम द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर से मुख्य अतिथि के रूप में प्रेरक वक्ता कौशल्या विष्णुदेव साय शामिल हुईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। दीक्षारंभ कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन शामिल हुए। श्रीमती साय विद्यार्थियों के बीच पहुंची तथा उनके साथ सेल्फी लीं। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया। श्रीमती कौशल्या साय को अपने बीच पाकर विद्यार्थी विशेषकर छात्राएं अभिभूत हुईं।
दीक्षारंभ समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती कौशल्या साय ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़े रहें तथा गुरू शिष्य परंपरा का अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। अतः पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। श्रीमती साय ने विद्यार्थियों से कहा कि वे ईश्वर के प्रति आस्थावान तथा अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञ रहें। श्रीमती साय ने छात्राओं से कहा कि वे पढ़ाई के साथ-साथ अपने घर-परिवार के कार्यां में भी रूचि लें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी होने के बावजूद वे आज भी रसोई तथा अन्य घरेलू कार्यां में संलग्न रहती हैं।

विश्वविद्यालय दीक्षारंभ कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डॉ. चंदेल ने विद्यार्थियां से मन लगाकर पढ़ाई करने तथा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अपने कैरियर के निर्माण पर भी ध्यान देना चाहिए। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए अतिथियों का स्वागत किया। कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

महाविद्यालय में दूसरे दिन तकनीकी सत्र में छात्र-छात्राओं को श्री अभिषेक सिंह राजपूत, निर्देशक, एजुकेशनल एलाइंस कोचिंग इंस्टिट्यूट, रायपुर ने कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर एवं कार्ययोजना विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। हमें उन अवसरों की पहचान कर अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए सफलता को प्राप्त करना होगा।

डॉ. विनोद कुमार निर्मलकर, वैज्ञानिक (पादप रोग विज्ञान) एवं प्रभारी राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला ने कृषि में जहर मुक्त खेती हेतु सूक्ष्मजीवों द्वारा रोग एवं कीट प्रबंधन विषय पर चर्चा कर छात्र-छात्राओं को जैव उत्पादों के महत्व से अवगत कराया। आपने राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला में किए जा रहे अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों की जानकारी देते हुए जैवरोग एवं कीटनाशी तथा जैव उर्वरकों के व्यावसायिक उत्पादन की जानकारी दी।

डॉ. (श्रीमती) अर्चना केरकट्टा, सहायक प्राध्यापक (कीट विज्ञान) एवं महिलाओं के कार्य स्थल में यौन उत्पीड़न विरुद्ध शिकायत समिति की अध्यक्ष द्वारा छात्र -छात्राओं को कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस अधिनियम का उद्देश्य कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकना और उनका समाधान करना है तथा ऐसे उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक सुदृढ़ तंत्र प्रदान करना है।

डॉ. (ले.) रोशन परिहार, सहायक प्राध्यापक (अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन) तथा प्रभारी एनसीसी ने विद्यार्थियों को नेशनल कैडेट कोर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राष्ट्र सेवा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। जो भी विद्यार्थी सशस्त्र बल में जाकर राष्ट्र सेवा करना चाहते हैं, वे एनसीसी को अपनाकर इसे पूर्ण कर सकते हैं। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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