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विवादित कोलवाशरी की जनसुनवाई आज

ग्रामीणों में आक्रोश,जनसुनवाई में हो सकता है हंगामा

विभिन्न खामियों के बीच होगी जनसुनवाई

बिलासपुर। खरगहनी स्थित पारस पावर एंड कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड की जनसुनवाई 13 दिसंबर को आयोजित किया गया है। जिसमें एक नहीं बल्कि खामियां होने के आरोप सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाए है।

सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पारस पावर एंड कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड में एक नहीं बल्कि कई खामियां है। हाइवा आने जाने के लिए सड़क नहीं है।जिसके कारण ग्रामीण धूल से परेशान रहते है। दिन भर और रात में हाइवा और भारी वाहनों के आवागमन से ग्रामीण बहुत ज्यादा परेशान रहते है। लगभग 2 किलोमीटर तक सड़क नहीं है। जिसके कारण और ज्यादा बदहाल हो चुका है। बीच में जब सड़क बनाने की बात हुई थी तो कंपनी के मालिक ने आश्वासन दिया था कि सड़क बनेगी और इसके लिए तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार ने भी हामी भरी थी लेकिन सड़क सिर्फ पीएमजीएसवाय की बनी जिसमें 6 से 10 टन तक की गाड़िया चल सकती है। लेकिन इस सड़क पर 50 से 60 टन तक की गाड़िया चल रही है।
दिलीप अग्रवाल ने बताया कि कोल वाशरी खुलने के बाद चारों तरफ बाउंड्री वाल और मजबूत दीवाल बनाया जाता है ताकि बाहर तक किसी तरह की कोई समस्या न हो।लेकिन इस कोल वाशरी में दीवाल नहीं है बल्कि चारों तरफ जाली लगाया गया है और टीन से घेर दिया गया है । जिसके कारण खतरा बना हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल ने बताया कि इस कोल वाशरी कंपनी में लगभग 400 से ज्यादा मजदूर काम करते है। लेकिन 125 का शो किया जाता है।ताकि मजदूरों का टैक्स बचे और मजदूरों की रोजी में भी ज्यादा पैसा लिखा जाता है लेकिन मजदूरों को रोजी कम दिया जाता है। जिसमें लाखों का घोटाला किया जा रहा है।
दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण विभाग को भी शिकायत किया गया तो उन्होंने बारीकी से जांच की तब पता चला कि कोयला अमानक स्तर का है और कंपनी में रखे हुए केमिकल ड्रम को भी खुले स्थान पर रखा हुआ है। देखा जाए तो सुरक्षा के लिए किसी तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं किया गया है।

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हेलमेट और सुरक्षा की व्यवस्था नाम मात्र का

सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पारस पावर में काम करने वाले मजदूरों के लिए हेलमेंट नहीं है और अगर कुछ हो जाए तो सुरक्षा के कुछ भी इंतजाम नहीं है। इससे मजदूरों की जान को खतरा बना हुआ है।जबकि इसके लिए मजदूरों ने कितनी बार आवाज उठाई लेकिन हर बार आवाज को दबा दिया गया है।

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कोल वाशरी के कारण फसल हो रहा बर्बाद

दिलीप अग्रवाल =ने बताया कि करीब डेढ़ किलोमीटर तक की फसल बर्बाद हो रहा है। पारस पावर के उड़ने वाले कोयले से पूरी तरह से फसल बर्बाद हो रहा है। जिसके कारण किसानों को समस्या हो रही है और किसान फसल नहीं ले पा रहे है।इसके बाद भी प्रशासन आंख बंद करके बैठा हुआ है।

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जनसुनवाई में सेटिंग करने का लगाया आरोप

दिलीप अग्रवाल ने बताया कि 13 दिसंबर को होने वाले जनसुनवाई ने सब कुछ सेटिंग से होने वाला है। इसमें कंपनी के मालिक ने अफसरों को सेट कर लिया है और यह जनसुनवाई नाम मात्र के लिए रखा गया है ताकि ग्रामीणों को दिखाया जा सके कि जनसुनवाई हुई है।

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पारस पावर के विस्तार के लिए जनसुनवाई को कृषि सेवा केंद्र में रखा गया

दिलीप ने बताया कि बड़े ही आश्चर्य की बात है जनसुनवाई के लिए जगह नहीं मिली तो प्रशासन ने कृषि सेवा सहकारी समिति के मैदान में जनसुनवाई रखा है।जबकि वहां पर धान रखा हुआ है और शासकीय उचित मूल्य की दुकान भी है इसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे है।

वर्जन

कोल वाशरी के विस्तार के लिए जनसुनवाई आयोजित किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीणों का पूरी तरह का विरोध करने का मन है।इसके लिए पूरे गांव वाले आक्रोशित हो चुके है।

दिलीप अग्रवाल
सामाजिक कार्यकर्ता

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