सत्ता की आड़ में जमीन की माफियागिरी करने वाले कांग्रेस नेता पंकज तिवारी पर कोर्ट के आदेश के बाद हुआ जुर्म दर्ज…पूर्व सरकार में गुंडागर्दी जमीनों की कालाबाजारी में लिप्त अब BJP की सरकार में हुआ हिसाब….
आठ माह बाद मिला पीड़ित को न्याय
खासखबर जीपीएम : – छत्तीसगढ़ के 28 वे जिले जीपीएम का फायदा भले ही आमजनता को न मिला हो मगर इसका पूरा फायदा भूमाफियाओं ने उठाया है पूर्ववर्ती सरकार इस नए जिले को बनाने के बाद भी आखिर पेण्ड्रा – गौरेला से इतने बड़े आंकड़े से हार क्यो गई जबकि यह तो पूरा कांग्रेसियों का गढ़ रहा है इसका जवाब यह था कि जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई तब सत्ता अहंकार में डूबे कांग्रेसियों ने जिले में जमीनों की अफरातफरी का जमकर खेल खेला फिर वह जमीनों में कब्जा करने का मामला हो या खुलेआम गुंडई करना हो इस मे महारत हासिल किये हुए थे आम जनमानस कही न कही डरा सहमा इनकी करतूतों को निहार रहा था जिसने इतनी बड़ी जिले की सौगात के बाद भी कांग्रेस को सिरे से नकार दिया .
आठ माह बाद मिला पीड़ित को न्याय : –
आठ माह बाद जमीन के एक मामले में हुए विवाद में आखिरकार पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है न्यायलय के आदेश के बाद आठ माह बाद पेण्ड्रा पुलिस ने कांग्रेसी नेता पंकज तिवारी पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है . यह वही पंकज तिवारी है जो कांग्रेस की सत्ता में थाने को अपनी जागीर समझता था जो खुलेआम किसी को मारने , धमकाने किसी भी जमीन को कब्जा वसूली का धंधा करता था और जहां इसकी नही चली वहाँ यह लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराके डराता चमकाता था . ऐसा ही एक मामला नगर पंचायत पेण्ड्रा के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 गौरेला रोड में बेशकीमती जमीन के सीमांकन के दौरान का है जब इस माफिया नगर पंचायत उपाध्यक्ष पंकज तिवारी के द्वारा शासकीय कार्य मे बाधा डालते हुए पीड़ित पक्ष के भाई के साथ अपने पद का रसूख दिखाते हुए गन्दी अभद्र गालियों के साथ मारपीट की थी जबकिं मौके पर पूरा शासकीय अमला भी मौजूद था शासकीय अमले के सामने ही यह हाथापाई शुरू हो गई चूंकि माफिया पंकज जानता था जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का अब जब सत्ता पलटी है तो पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया है और ऐसे माफियाओं पर नकेल कसने का सिलसिला शुरू कर दिया है .
पीड़ित पक्ष की आपबीती : –
पीड़ित पक्ष ने बताया कि पेण्ड्रा निवासी अशोक साहू के द्वारा अपनी पत्नी के नाम से जमीन की खरीदी की गई थी एवं उक्त जमीन को बाउंड्री वाल से सुरक्षित भी किया गया था वही उक्त जमीन पर कांग्रेस नेता पंकज तिवारी द्वारा बलात प्रवेश कर कब्जा किया गया जिसकी शिकायत पीड़ित पक्ष द्वारा सम्बंधित विभाग को सीमांकन के लिए आवेदन किया गया जिसपर राजस्व अमले के पटवारी , आरआई , मौके पर सीमांकन के लिए पहुँचे थे जहाँ पंकज तिवारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हाथापाई की गई . इसके बाद पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत थाने से लेकर आईजी डीजी तक कि मगर सत्ता के करीबी होने के कारण पीड़ित को न्याय नही मिला पीड़ित दर दर न्याय की गुहार लगाता रहा मगर सुनने वाला कोई नही था आखिरकार मामले को लेकर पीड़ित पक्ष ने न्यायालय में परिवाद दायर किया जिसमे न्यायालय ने थाने को अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया .
माफियाओं की गिरफ्त से मुक्त हुआ जिला :-
भय आतंक और माफियाओं के डर से जिला जीपीएम का माहौल बिगड़ता जा रहा था शांत आदिवासी जिले में कांग्रेस की सत्ता में आने के बाद जैसी जमीनों की कालाबाजारी हुई वैसा इस जिले ने आज तक नही देखा थाना राजस्व तो जैसे इन माफियाओं की जेब था इन माफियाओं का धंधा फलता फूलता की प्रदेश में चुनाव की लहर आ गई और इस चुनाव में जनता ने इन माफियाओं को बता दिया कि लोकतंत्र में जनता जनार्दन है तब तो जिला बनाने का फायदा कांग्रेस नही उठा पाई . और पूरे जिले के भाजपा के जीत का परचम लहर गया इसके साथ ही माफियाओं की गिरफ्त से भी जिला आजाद हुआ .