सबूत और गवाहों के बाद भी तारबाहर पुलिस ने नहीं जोड़ा आरोपियों का नाम

पीड़ित गिरीश पांडे ने तारबाहर पुलिस पर गंभीर आरोप
पीड़ित कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कर रहा तैयारी
बिलासपुर। दुकान में रखे सामान को फेंककर, तोड़फोड़ करने वाले कांग्रेस नेता समेत कुछ अन्य लोगो की शिकायत तारबाहर थाने में कि गई थी। लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी तारबाहर पुलिस अज्ञात आरोपियों की खोजबीन नहीं कर सकी है।
इधर पीड़ित ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से संदेही आरोपियों की तलाश कर ली है।
दरअसल निराला नगर निवासी गिरीश पांडे, पिता प्रोफेसर एस.पी. पांडे ने अपने मकान में हुए चोरी के मामले में पुलिस पर गंभीर और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।पीड़ित गिरीश पांडे ने बताया कि 7 जनवरी 2024 को उनके मकान में चोरी की घटना हुई थी, जिसकी जानकारी उन्होंने उसी दिन तारबाहर थाना मे की थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में विलम्ब करते हुए 11 जनवरी को अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया।इस मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपियों की खोजबीन करने में एक साल से उपर लगा दिया।लेकिन अब तक आरोपियों का पता नहीं लगा सकी। बल्कि खोजबीन करने का बहाना बनाकर पीड़ित को एक बार नहीं बल्कि कई बार थाना बुला ली।
बार बार थाना जाने के बाद जब पीड़ित को अहसास हुआ की पुलिस कुछ नहीं करने वाली बल्कि हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई
है तब उसने खुद मेहनत की।और आसपास के सीसीटीवी कें फुटेज से आरोपियों कि तलाश की।पीड़ित ने घर के सामने एक होटल से सीसीटीवी फुटेज में चेक किया तो पाया कि आरोपियों में कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस नेता और उसके साथ तीन लोग और है।
जिसकी शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने इसके बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।जबकि पीड़ित ने आईजी और एसपी के अलावा कलेक्टर से भी न्याय की गुहार लगाई है।इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित अब इस मामले की लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है।
पीड़ित ने खुद की जांच
गिरीश पांडे का कहना है कि जब पुलिस चोरी के आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी, तब उन्होंने स्वयं जांच शुरू की। इस जांच में उन्हें राजा होटल के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में चोरी की पूरी घटना कैद मिली, जिसमें श्याम कश्यप और शिरीष कश्यप को साफ तौर पर उनके मकान से सामान चोरी करते और सड़क पर फेंकते हुए देखा जा सकता है।
इतना ही नहीं, गिरीश पांडे ने चार से पांच चश्मदीद गवाह भी पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किए, लेकिन पुलिस ने अब तक केवल दो गवाहों के ही बयान लिए हैं।
तारबाहर पुलिस पर मामले को कमजोर बनाने का आरोप
उनका आरोप है कि पुलिस जानबूझकर मामले को कमजोर बना रही है क्योंकि आरोपी श्याम कश्यप का राजनीतिक और पुलिस प्रशासन से संबंध है। यही कारण है कि अब तक एफआईआर में श्याम कश्यप और शिरीष कश्यप का नाम शामिल नहीं किया गया है।
आईजी,कलेक्टर और एसपी से कि थी शिकायत
गिरीश पांडे ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से भी की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि गवाहों पर आरोपियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है और उन्हें बरगलाने की कोशिशें भी चल रही हैं।
पीड़ित के पास चश्मदीन गवाह मौजूद है
गिरीश पांडे ने कहा, “मेरे पास गवाह मौजूद हैं, फिर भी पुलिस आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस और आरोपियों के बीच मिलीभगत है। अब मुझे पुलिस से कोई उम्मीद नहीं बची है, इसलिए मैं न्यायालय की शरण लूंगा और पुलिस को भी कटघरे में खड़ा करूंगा।
कांग्रेस नेता श्याम कश्यप बोले, मै क्या तोड़फोड़ करूंगा
कांग्रेस नेता श्याम कश्यप का कहना है कि मेरे उपर लगे आरोप निराधार है।गलत आरोप है।चोरी का आरोप झूठा है।और तोड़फोड़ क्यों करूंगा।उन्होंने कहा कि आप खुद सोचिए कि मै क्या चोरी करूंगा।