स्वर्गीय मूलचंद खंडेलवाल, आपातकाल में कांग्रेस में शामिल हुए और फिर जादू की छड़ी से भाजपा के मंत्री बन गए
0शशि कोन्हेर0
खासखबर बिलासपुर / भारतीय जनता पार्टी बिलासपुर के कद्दावर नेता स्वर्गीय मूलचंद खंडेलवाल बिलासपुर के ऐसे नेता रहे हैं जो जीवन भर भारतीय जनता पार्टी की सेवा करते रहे। लेकिन ऐन वक्त पर जब पार्टी को उनकी जरूरत थी। तब आपातकाल के दौरान भाजपा का दमन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो जाने वाले मूलचंद खंडेलवाल को बाद में 1990 में भाजपा की तरफ से विधायक और दमदार मंत्री चुन लिया गया। पार्टी ने जरूरत के समय आपातकाल में कांग्रेस का दामन पकड़ने वाले स्वर्गीय मूलचंद खंडेलवाल को बाद में बिलासपुर शहर से न केवल विधायक का टिकट दिया वरन विधायक का चुनाव जीतने पर उन्हें बिलासपुर का पहला गैर कांग्रेसी भाजपा के मंत्री के सम्मान से नवाजा गया। भारतीय जनता पार्टी (और उसके पहले जनता पार्टी तथा दीप छाप )वाले अनुशासित संगठन में पार्टी पदाधिकारी और संगठन के लोगों की उपेक्षा का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण ना तो भाजपा में और न हीं कांग्रेस में देखने को मिलेगा। मूलचंद खंडेलवाल ढाई साल तक बिलासपुर के मंत्री बने रहे। पूरे शहर में मैं काफी वे लोकप्रिय रहे। और लोग उन्हें मुल्लू चाचा तथा मुल्लू भैया के नाम से पुकारा करते थे। 1975 में आपातकाल लगने के बाद बिलासपुर के कांग्रेसी नेता और तत्कालीन मंत्री स्वर्गीय डॉक्टर श्रीधर मिश्र की अगवाई में बिलासपुर में बहुत विशाल आयोजन के दौरान डंके की चोट पर कांग्रेस में शामिल होने वाले मूलचंद खंडेलवाल को बाद में भाजपा ने अपना विधानसभा का टिकट भी दिया और चुनाव जीतने पर पार्टी की ओर से मंत्री पद से भी नवाजा गया। वही आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहने वाले अनेक कार्यकर्ता पार्षद की टिकट के लिए पार्टी के आगे भी तरसते रहे।
इसमें कोई संदेह नहीं है की श्री मूलचंद खंडेलवाल जबरदस्त संगठक और बिलासपुर से चुनाव में पहली बार कांग्रेस की जडें खोदने वाले नेता के रूप में भी याद किए जाएंगे। 1977 के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम कौशिक समाजवादी नेता श्री आनंद मिश्रा और श्री अशोक गोवर्धन की अगुवाई में रायपुर में उनसे बीजेपी ज्वाइन कराई गई और बाद में बिलासपुर शहर की टिकट से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया। हालांकि भाजपा में शामिल होने के बाद कई दिनों तक भारतीय जनता पार्टी के बिलासपुर के कार्यकर्ता श्री खंडेलवाल को देखते ही उनके विरोध में नारे लगाए करते थे। लेकिन समय बीतने के साथ सब कुछ ठीक हो गया और श्री खंडेलवाल उसी भाजपा का टिकट जीत का प्रदेश का बिलासपुर से पहले गैर बाजपेई मंत्री बनने में सफल रहे। जिसे आपातकाल में छोड़कर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था
स्वर्गीय श्री खंडेलवाल के पास जादू की ऐसी कौन सी छड़ी थी यह तो पता नहीं। लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी जैसे संगठनों को जिस तरह जादू की छड़ी दिखाकर अपने काबू में किया, “वह कला” जिनको भी ठीक से आया करती रही भारतीय जनता पार्टी में ऐसे लोग दिनों दिन अपना उद्धार करते रहे जबकि सैकड़ो समर्पित कार्यकर्ता आज भी पार्टी के आयोजनों में दरी बिछाने और पोस्टर बैनर लगाने के लिए मजबूर हैं। देश की सर्वाधिक अनुशासित पार्टी का यह हाल है बिलासपुर में।