हाईकोर्ट के निर्णय की प्रति अब हिंदी में होगी उपलब्ध, अनुवादकों के लिए अंतिम तिथि की समय सीमा चीफ जस्टिस के निर्देश पर समाप्त
बिलासपुर। न्यायिक जगत के लिए बड़ी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसलों की कॉपी अब हिंदी में उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। निर्णयों के अनुवाद की प्रति को अधिक पारदर्शी बनाने और निर्णयों के अनुवाद की प्रति को गति देने की दिशा में महत्वपूर्व कदम उठाया है। अब सुप्रीम कोर्ट और देश के सभी उच्च न्यायालयों द्वारा पारित प्रकाशन के लिए अनुमोदित निर्णयों को हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे आम पक्षकारों और अधिवक्ताओं को निर्णयों को बेहतर समझने में सुविधा हो रही है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा इस कार्य के लिए पात्र अनुवादकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। पात्रता के रूप में आवेदक को विधि स्नातक या छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद में पंजीकृत अधिवक्ता होना आवश्यक है। प्रत्येक अनुवादित पृष्ठ के लिए 200 की दर से भुगतान निर्धारित किया गया है। यह व्यवस्था न केवल अनुवादकों के लिए एक आय का स्रोत बनी है, बल्कि न्याय व्यवस्था को अधिक जन-सुलभ बनाने की दिशा में भी यह एक सराहनीय प्रयास है। इस पहल का लाभ उठाते हुए प्रतिदिन बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।
अब पात्र आवेदक कभी भी कर सकते हैं आवेदन-
कार्य की त्वरित गति सुनिश्चित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देश पर आवेदन की अंतिम तिथि की सीमा समाप्त कर दी गई है, जिससे अब पात्र आवेदक कभी भी आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की एआइ-एएलटीएसी (एआइ-असिस्टेड लीगल ट्रांसलेशन एडवाइजरी कमेटी) समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार व्यास के निर्देशन में अनुवादित निर्णयों की त्वरित समीक्षा कर पात्र अनुवादकों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। यह पहल जहां विधि स्नातकों और अधिवक्ताओं को रोजगार का एक नया अवसर प्रदान कर रही है, वहीं आम नागरिकों को न्यायिक निर्णयों को अपनी मातृभाषा में समझने में भी सहायता मिल रही है। यह कदम न्याय को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।