होटल और जमीन का कारोबारी दीपेश चौकसे की जमानत अर्जी हुई खारिज…..

बिलासपुर / शहर के बहुचर्चित सिद्धांत नागवंशी आत्महत्या कांड में हाई कोर्ट के आदेश से दर्ज FIR में गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट में लगी नियमित जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश राजभान सिंह ने निरस्त कर दी है।
आपको बता दे कि इसी मामले में कांग्रेस के नेता अकबर खान भी आरोपी है। मिली जानकारी के अनुसार सिद्धू का अकबर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर पैसा वापस करने हेतु दबाव बनाया था। परेशान होकर सिद्धांत ने आत्महत्या कर ली थी।
सिद्धांत की आत्महत्या के बाद उसके माता-पिता लगातार पुलिस के अधिकारियों के अलावा मंत्रियों के चक्कर काटते रहे। डीजीपी से लेकर गृह मंत्री तक सिद्धांत के माता-पिता ने गुहार लगाई। पर उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के चलते अकबर खान दीपेश व अन्य पर अपराध दर्ज करने की हिम्मत तत्कालीन पुलिस अधिकारी नहीं जुटा पाए। गृह मंत्री तक दौड़ लगाने के बाद भी अपराध दर्ज नहीं होने पर निराश होकर मृतक सिद्धांत नागवंशी के माता-पिता ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।
हाई कोर्ट में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने तत्कालीन CSP आईपीएस संदीप पटेल को अदालत में बुलवाकर जमकर फटकार लगाई थी। साथ ही अकबर खान, दीपेश चौकसे,मीनाक्षी बंजारे और शिबू ऊर्फ फैजान तथा अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट के निर्देश से अपराध दर्ज होने के बाद भी दबाव में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही थी। मृतक के परिजन लगातार पुलिस अफसर के सामने गुहार लगा रहे थे। राज्य में BJP की सरकार आने के बाद तत्कालीन पुलिस अफसरों का तबादला हो गया। जिसके बाद नए पदस्थ पुलिस अफसराे ने आरोपियों की तलाश शुरू करवाई। शहर के जाने-माने बड़े कारोबारी दीपेश चौकसे की गिरेबान तक भी पुलिस के हाथ पहुंचे और दीपेश चौकसे की रायपुर से गिरफ्तारी कर ली गई। मामले में काफी दबाव भी आया पर पुलिस ने अदालत में पेश कर दीपेश चौकसे को जेल भेज दिया। सोमवार को दीपेश चौकसे की जमानत याचिका सत्र न्यायालय में लगी थी। विशेष न्यायाधीश राजभान सिंह की अदालत ने पुलिस की विवेचना पूर्ण नहीं होने और अन्य आरोपियों को फरार रहने का हवाला देकर दीपेश चौकसे की जमानत याचिका खारिज कर दी।
कौन हैं कारोबारी दीपेश चौकसे:–
आपको बता दे दीपेश चौक से शहर का बड़ा होटल व जमीन कारोबारी है। इसका व्यापार कई शहरों में फैला है। अकबर खान दीपेश चौकसे का पैसा विवादित जमीनों में लगाता था। कई कांग्रेसी नेताओं का संरक्षण दीपेश चौकसे को मिला हुआ था। जमानत अर्जी को सुनवाई के दौरान भी बड़ी संख्या में शहर के कांग्रेसी जिला न्यायालय में सारा दिन जमावड़ा लगाए रहें।
IAS-IPS का आया फ़ोन
खबर है की दीपेश चौकसे को छुड़ाने और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए एक बड़े पुलिस अफसर का फोन तक आया….और दबाव बनाया लेकिन IG/SP किसी की नहीं सुने….इसके बाद एक IAS अफसर भी दीपेश के लिए एप्रोच लगा दिए…जिनकी सुनवाई नहीं हुई….और खाली हाथ लौट गए….