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जानिए चीफ जस्टिस ने किस एसपी को कहा कि यहां का कप्तान अखबारों में,न्यूज में रहता है,पर एक ई–रिक्शा नहीं सम्हल रहा, प्रार्थी को ही थाने बुलाकर गाली गलौज पर हाईकोर्ट सख्त, एसपी से मांगा शपथ पत्र

– बिलासपुर जिले के कोटा थाने में पीड़ित ने ई रिक्शा चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस पर पुलिस ने चोर को पकड़ कर ई रिक्शा बरामद की। जिस व्यक्ति से ई रिक्शा बरामद हुई है उससे पूछताछ करने पर बीस हजार रुपए में ई रिक्शा खरीदने की बात उसने कही। जिसके बाद पुलिस ने उसे बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया और उल्टा पीड़ित तथा उससे जुड़े लोगों को ही थाने बुलवा कर दस्तावेजों की मांग कर धमकी देते हुए गाली गलौज की गई। पीड़ित की याचिका पर हुई पर चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ” बिलासपुर का मैटर है, यहां का एसपी तो अखबारों में,न्यूज में रहता है,पर उससे एक ई रिक्शा नहीं सम्हल रहा। एसपी को व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत कर जवाब देने का निर्देश चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने दिया है।

Bilaspur बिलासपुर। प्रार्थी को ही थाने बुलाकर गाली–गलौज करने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस जिले का एसपी अखबारों में, न्यूज में रहता है और एक ई रिक्शा उससे नहीं सम्हलता। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मामले में ” मजाक बना रखा है” जैसी तल्ख टिपण्णी की है। मामला बिलासपुर जिले के कोटा थाना से जुड़ा हुआ है। चोरी के मामले में पीड़ित को ही थाने बुलाकर गाली–गलौज के मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने एसपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह बताने के निर्देश दिए हैं कि कोटा थाने की पुलिस किस दस्तावेज़ के आधार पर प्रार्थी को थाने बुला रही है।

पूरा मामला बिलासपुर जिले के कोटा थाना से जुड़ा हुआ है। हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता प्रतीक साहू के अधिवक्ता अमित कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतीक साहू की ई– रिक्शा 20 जनवरी 2025 को कोटा थाना क्षेत्र से चोरी हो गई थी। उसने कोटा थाना में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 54/2025 दर्ज किया। 28 फरवरी 2025 को पुलिस ने एक व्यक्ति से चोरी की ई-रिक्शा बरामद किया। बरामदगी के बाद उस व्यक्ति ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने ई-रिक्शा 20 हजार रुपए में खरीदी है। चोरी की ई–रिक्शा खरीदने के बावजूद पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया।

जिस व्यक्ति से चोरी की ई–रिक्शा बरामद हुई थी उसे पुलिस ने पहले तो बिना कार्रवाई के छोड़ा फिर कोटा पुलिस ने पीड़ित प्रतीक साहू को ही थाने बुलाकर गाली गलौज करते हुए अभद्रता की और धमकी दी। पुलिस ने पीड़ित को ई– रिक्शा किससे खरीदी, इसके दस्तावेज दिखाने का दबाव पीड़ित पर बनाया। पुलिस की इस प्रताड़ना के खिलाफ उसने अधिवक्ता अमित कुमार के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

याचिका की सुनवाई सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि ई रिक्शा चोरी की रिपोर्ट उनके क्लाइंट ने दर्ज करवाई थी। जिस पर पुलिस के द्वारा अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। फिर पुलिस को एक आरोपी से चोरी का ई रिक्शा बरामद हो गया। उस पर कार्यवाही करने की बजाय उससे केवल बयान लेकर पुलिस ने उसे छोड़ दिया,जबकि उसके पास कोई दस्तावेज भी नहीं है। अपने बयान में उसने बताया कि मैंने बीस हजार रुपए में ई रिक्शा खरीदी है। उसे छोड़ने के पश्चात कोटा थाना पुलिस चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले पीड़ित, पीड़ित ने जिस एजेंसी से गाड़ी खरीदी थी उस एजेंसी की मालकिन,मालकिन के पति और एजेंसी के मैनेजर को ही थाने बुलवा कर गाली–गलौच करते हुए उनसे ही दस्तावेज मांग रही है।

तर्कों को सुनने के पश्चात चीफ जस्टिस ने पूछा कि कहा का मैटर है? जैसे ही अधिवक्ता ने बताया कि थाना कोटा जिला बिलासपुर तब चीफ जस्टिस ने चौंकते हुए टिप्पणी करते हुए कहा कि “बिलासपुर का मैटर है, यहां का एसपी तो हमेशा अखबार में,न्यूज में रहता है और उससे एक ई रिक्शा नहीं सम्हलता। उन्होंने आगे सुनवाई करते हुए कहा कि “मजाक बना कर रखा है क्या”। मामले को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले में व्यक्तिगत शपथ पत्र मांगा है। इसके अलावा जांच अधिकारी को भी संबंधित कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया है। अदालत ने यह भी पूछा है कि जिस व्यक्ति से चोरी की ई रिक्शा बरामद हुई उस पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई? मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को रखी गई है।

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