एक माह के भीतर स्व जोगी की प्रतिमा नहीं लगाने पर होगा बड़ा आंदोलन

जीपीएम की जनता ने लिया संकल्प
स्व जोगी को फिर मिलता अवसर तो छत्तीसगढ़ की तस्वीर कुछ और होती=अटल श्रीवास्तव
बिलासपुर। जीपीएम। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी की 5 वीं पुण्य तिथि 29 मई गुरुवार को पेण्ड्रारोड में उनकी समाधि स्थल पर मनाई गई। इस दौरान सर्व धर्म प्रार्थना सभा और भजन संध्या का आयोजन किया गया। 29 मई 2020 को उनका निधन हुआ था।

सर्व धर्म प्रार्थना सभा में स्व अजीत जोगी को याद करते हुए वक्ताओं ने बताया कि विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे स्व. अजीत जोगी के बारे में कहा जाता है कि “अजीत जोगी जैसा न भूतो न भविष्यति।” अजीत जोगी को याद करते हुए वक्ताओं ने उन्हें अपराजेय योद्धा बताते हुए कहा कि अजीत जोगी की कार्य प्रणाली और मिलनसार व्यक्तित्व के कारण राजनीतिक विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे।वक्ताओं ने अजीत जोगी को सपनों का सौदागर बताते हुए कहा कि जोगी ने छत्तीसगढ़ को बहुत करीब से देखा और समझा था। वो कहते थे कि यहां की धरती में अकूत खनिज संपदा कोयला, लौह अयस्क, बाक्साईड, हीरा, सोना होने के बावजूद यहां “अमीर धरती गरीब लोग” का विरोधाभास है। जोगी इस विरोधाभास को दूर करना चाहते थे, लेकिन उनका ये सपना अधूरा रह गया।
श्रृद्धांजलि सभा में अजीत जोगी को याद कर सभी की आंखें नम हो गईं। वक्ताओं ने बताया कि स्व. अजीत जोगी की पहुंच और पकड़ भारत देश के कोने कोने तक था। लोकप्रिय राजनेता होने के साथ ही वो सीनियर आईएएस-आईपीएस अफसर थे, इसलिए देशभर के आईएएस-आईपीएस अफसर उनका बहुत सम्मान करते थे, जिसका बहुत लाभ स्व. जोगी के माध्यम से लोगों को मिलता था। भारत देश के किसी भी कोने में मदद पहुंचाने की जो क्षमता अजीत जोगी में थी वो किसी और नेता में नहीं। इसलिए दूसरे राज्यों में काम करने वाले छत्तीसगढ़िया स्व. जोगी का मोबाइल नंबर अपने पास रखते थे। देश के किसी भी गांव और शहर में यदि किसी छत्तीसगढ़िया को जरूरत पड़ती थी स्व. जोगी का उनको मदद पहुंच जाता था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जोगी से जुड़े हुए लोग मौजूद रहे।