Blog

केवीके कर्मचारियों ने अधिकारों को लेकर आइजीकेवी में ज़ोरदार किया विरोध प्रदर्शन,तकनीकी कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन…बोले,कंट्रोलर हटाओ और IGKV बचाओ….कार्यवाही नहीं हुई तो होगा अनिश्चितकालीन आंदोलन…

सड़क पर चले पैदल मार्च करते हुए जमकर की नारेबाजी

कुलपति के कक्ष का घेराव करके मचाया हंगामा

भूखे प्यासे बैठे रहे केवीके के अधिकारी और कर्मचारी

बिलासपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में तकनीकी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़े सभी जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर कुलपति को विरोध प्रदर्शन ज्ञापन सौंपा। विरोध विश्वविद्यालय द्वारा वर्षों से लंबित संवैधानिक और सेवा-संबंधी अधिकारों की अनदेखी के विरुद्ध है।


इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष डॉ. पीके. सांगोड़े ने कहा,हमने बार-बार संवाद और ज्ञापनों के माध्यम से अपनी समस्याओं को उठाया है, परंतु हर बार हमें नजरअंदाज किया गया। अब टीएसए और केवीके के सभी सदस्य एक स्वर में मांग कर रहे हैं: सेवा शर्तों की समानता, एनपीएस/सीएएस/भत्तों की बहाली और सेवानिवृत्ति लाभों की गारंटी होनी चाहिए।
संघ के उपाध्यक्ष डॉ. ईश्वरी साहू ने आंदोलन की संवैधानिकता को रेखांकित करते हुए कहा,हम केवल सुविधाएं नहीं, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकारों की पुनः स्थापना की लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय की संरचना में केवीके स्टाफ अभिन्न अंग हैं, परंतु व्यवहार में उनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव हो रहा है। यह अस्वीकार्य है।

वहीं
डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने विश्वविद्यालय अधिनियम के उल्लंघन पर प्रकाश डालते हुए कहा,जब अधिनियम स्पष्ट रूप से तकनीकी स्टाफ की सेवा-निवृत्ति आयु 65 वर्ष और गैर-तकनीकी स्टाफ के लिए 62 वर्ष निर्धारित करता है, तब केवीके स्टाफ को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त करना न केवल भेदभावपूर्ण, बल्कि अवैधानिक भी है।प्रदर्शन के दौरान प्रमुख टीएसए/ केवीके प्रतिनिधि- डॉ. विजय जैन, डॉ. आर. एल. शर्मा, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. खूबिराम साहू, डॉ. एस. वर्मा, डॉ. सौगात ससमल, डॉ. प्रमिला जोगी, डॉ. तोषण ठाकुर, डॉ. प्रमिला रामटेके, डॉ. घनश्याम दास साहू, डॉ. अमित शुक्ला एवं डॉ. रंजीत मोदी ने 7 सूत्रीय मांगपत्र को जोरदार तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया, जिनमें शामिल हैं

आंदोलनकारियों का 7 सूत्रीय मांग

सेवा शर्तों एवं वेतनमान की विश्वविद्यालय समतुल्यता की बहाली

एनपीएस/ओपीएस का पुनः क्रियान्वयन

मेडिकल व अन्य भत्तों की पुनर्बहाली

सीएएस/उच्च वेतनमान योजनाओं की पुनः स्थापना

सेवा-निवृत्ति आयु को 65/62 वर्ष करना
• पेंशन, ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों की गारंटी

अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया तब तक रोकना जब तक मूलभूत समस्याओं का समाधान न हो

कुलपति ने आश्वस्त किया गया कि “मांगों पर विश्वविद्यालय द्वारा कल तक कार्यवाही संमत पत्र प्रदान किया जाएगा।इस पर संघ ने स्पष्ट किया कि यदि “कल तक माँग अनुरूप ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो संघ संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्यव्यापी, चरणबद्ध एवं लोकतांत्रिक अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल की घोषणा करने के लिए बाध्य होगा।” संघ ने यह भी कहा कि ऐसी किसी भी स्थिति से उत्पन्न शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार कार्यों में बाधा की नैतिक, विधिक एवं संवैधानिक जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

टीएसए के अधिकारी और कर्मचारियों ने घेरा प्राशसनिक भवन फिर कुलपति के कमरे का किया घेराव

आईजीकेवी    अंतर्गत काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों ने लंबी पैदल मार्च यात्रा करते हुए  जमकर विरोध प्रदर्शन किया।उसके बाद कंट्रोलर के खिलाफ और अपनी लंबित मांगो को लेकर हल्ला बोला।    प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में कहा कि यह प्रदर्शन अभी एक दिखावा है जरूरत हुई तो काम बंद करके हड़ताल करेंगे। 

8 महीने से नहीं मिला है पेमेंट,इस महीने जबरदस्ती दिया गया गया कम पेमेंट

सूत्र बता रहे है की पिछले 8 महीने से पेमेंट नहीं दिया गया है और जब लगातार मांग की गई तो बेवजह कम पेमेंट को जबरदस्ती डाल दिया गया है। जबकि हमारी सैलरी ज्यादा है उसके बाद भी डिमोशन के रूप में सैलरी दी गई है जो नियमों के विरुद्ध है।

भूखे प्यासे बैठे अधिकारी कर्मचारियों ने कहा,आईजीकेंवी कें कर्मचारी आईसीआर के कैसे हुए

कुलपति कें चेंबर में बैठे अधिकारी और कर्मचारी भूखे और प्यासे बैठे रहे। जिन्होने अपनी लंबित मांगों के लिए जमकर लड़ाई लड़ी।और कुलपति के कक्ष के सामने बैठ गए।घंटो बैठने के बाद आवाज आई की जब हम लोग आईजीकेवी के अधिकारी और कर्मचारी है तो आईसीआर के अधीन कैसे हुए।हमको और अन्य अधिकारियो को बेवजह का क्यों गुमराह किया जा रहा है। जबकि हम लोग आईजीकेवी के अधीन काम करते है।और उनके है निर्देशों का पालन करते है। इसके बाद भी भेदभाव किया जा रहा है।

विभिन्न मांगो को लेकर बैठे आंदोलनकारियों से घंटो की कुलपति के चर्चा

आईजीकेवी के कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने लंबित मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों को मीटिंग काक्ष में बुलाकर चर्चा की,इस दौरान कई लोगो के विस्तार से समस्याओं को बताया और इसका निराकरण करने की मांग की।केवीके के लोगो ने कुलपति को बताया कि यह हक की लड़ाई है जिसके लिए हम काम बंद करके भी आंदोलन करने के लिए तैयार है।

*कंट्रोलर के खिलाफ हुए केवीके कर अधिकारी और कर्मचारी,बोले कंट्रोलर हटाओ आईजी केवी बचाव*

आंदोलनकारियो का गुस्सा इस कदर फूटा हुआ था कि वे लोग भारी गर्मी में धूप में पैदल चलकर ज्ञापन देने पहुंचे।इस बीच सीधे कंट्रोलर उमेश अग्रवाल पर आरोप लगाकर बोले,की कंट्रोलर हटाओ आईजीकेवी बचाव,इस तरह के नारे लगाकर भयंकर विरोध प्रदर्शन किया गया।आरोप लगाया गया की कंट्रोलर राज्य सरकार के अधिकारी है उसके बाद भी से केवीके के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ रहते है।जो हमेशा भेदभाव करते है।वहीं है जो बदनाम कर  रहे है
और अपना आतंक मचाकर रखे हुए है।जबकि केवीके के कर्मचारी आईजीकेवी के अधीन है उसके बाद भी भेदभाव करके माहौल बनाया जा रहा है।जिसके कारण केवीके के लोगो मे भयंकर आक्रोश बना हुआ है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *