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गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु शंकराचार्यों द्वारा प्रेरित आंदोलन में सिन्धी समाज भी हुआ शामिल
खासखबर रायपुर। देश के पूज्यपाद चारों शंकराचार्यों द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने एवं गोहत्या बंद करवाने हेतु प्रेरित आंदोलन में शामिल होते हुए पूज्य राजेन्द्रनगर, अमलीडीह एवं महावीरनगर (राम) सिंधी पंचायत द्वारा भगवान झूलेलाल की ५६ फुट ऊंची प्रतिमा के तले १० मार्च को गोष्ठी एवं ११ मार्च को विशाल धर्मसभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब के आव्हान पर किया गया। पूज्यपाद साईं मसन्द साहिब करीब १२ वर्षों से देश के पूज्यपाद शंकराचार्यों एवं सैकड़ों अन्य बड़े संतों के सहयोग से देश में सनातन वैदिक सिद्धांतों के आधार पर धर्म का शासन स्थापित कर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का अभियान चला रहे हैं।
गोष्ठी में पूज्य पंचायत के अध्यक्ष मुखी गिरीश लहेजा ने बताया कि वे करीब २२ वर्षों से बजरंग दल से जुड़े हुए हैं और पिछले १५ वर्षों से बजरंग दल के गौरक्षा प्रमुख का दायित्व निभा रहे हैं। उनकी टीम ने अब तक गोहत्या हेतु परिवहन की जाने वाली करीब साढे तीन हजार ट्रकों को जप्त करवाने में सफलता प्राप्त की है। गोष्ठी में पूज्य पंचायत के संरक्षक श्रवणकुमार बुधवाणी, महासचिव राजकुमार मंजर एवं अन्य पदाधिकारियों सुरेश दासवाणी, राजकुमार पंजवाणी आदि ने भी विचार व्यक्त किये। पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष महेश रोहरा और युवा भाजपा नेता मनीष पंजवाणी ने साईं मसन्द से इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ के अन्य इलाकों में भी फैलाने में सक्रिय योगदान करने की बात कही।
गोष्ठी के प्रारंभ में मुख्य अतिथि साईं मसन्द साहिब ने पूज्यपाद शंकराचार्य द्वय स्वामी सदानंद सरस्वती एवं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कर सम्पूर्ण भारत में गोहत्या समाप्त करने के विषय में लिखे पत्रों को पढ़कर सुनाया। अगले दिन चन्द्रदिवस के उपलक्ष्य में ११ मार्च को आयोजित विशाल धर्मसभा में पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री महेश दरयाणी अपने समस्त पदाधिकारियों के साथ विशेष आमंत्रित रहे। इस अवसर पर इन सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल महिला व पुरूष समाज सेवकों ने भी अपनी सफलता के लिए संत साईं मसन्द साहिब से आशीर्वाद प्राप्त किया।