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जर्जर तार,खुले बॉक्स और नाकाफी सुरक्षा अस्पताल बना खतरे का घर

लखनऊ के बाद अब बिलासपुर की बारी

फायर सेफ्टी पर लटकी तलवार

बिलासपुर । भीषण गर्मी के साथ आगजनी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। बीते 10 दिनों में शहर में अलग-अलग स्थानों पर चार अग्निकांड की घटनाए सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं के बाद खासकर सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी को लेकर गम्भीर सवाल उठने लगे हैं।

बता दे शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं। कई जगहों पर फायर एक्सटिंग्विशर धूल खा रहे हैं तो कहीं जर्जर बिजली के तार और खुले डिब्बे शॉर्ट सर्किट के खतरे को न्योता दे रहे हैं। यही हाल जिला अस्पताल का है। जहां अगर समय रहते आग पर काबू न पाया गया तो बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जिला अस्पताल में लापरवाही की सारे हदे पार कर चुके है। फायर सेफ्टी के इंतजाम जरूर किए गए है लेकिन सुरक्षा के नाम पर जीरो है। लखनऊ के एक अस्पताल में हाल ही में हुई आगजनी की घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। इसी कड़ी में बिलासपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स का रियलिटी चेक किया गया, जहां 2023 में एक बड़ी आगजनी की घटना घट चुकी है। इसके बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था तो बढ़ाई गई, लेकिन आज भी कई अग्निशामक यंत्र निष्क्रिय हाल में पाए गए।सीएमएचओ प्रमोद तिवारी ने कहा कि, फायर सेफ्टी को लेकर सुधार की दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन कुछ खामियां अभी भी हैं, जिन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा।

सीएमएचओ बोले,सुरक्षा को लेकर किए जा रहे इंतजाम

सीएमएचओ प्रमोद तिवारी का कहना है कि सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में इंतजाम किया जा रहा है।ताकि किसी तरह की अनहोनी के पहले ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम रहे।इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसके लिए होमगार्ड की टीम और फायर की टीम को एक बार जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है।ताकि आगजनी की घटना के यंत्र फायर सेफ्टी सही और ठीक रहे।बीच बीच में इसके लिए निगरानी समिति से नर्सिंग होम की भी जांच करने निर्देशित किया गया है।

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