शिक्षा के मंदिर को किया जा रहा शर्मसार…लापरवाह शिक्षक बच्चो के भविष्य से कर रहे खिलवाड़…गंदे किचन,शौचालय और मध्यान्ह भोजन को देख भड़क उठेंगे आप…देखिये तस्वीरें….
खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर / वैसे तो सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे है….लेकिन ऐसे कई शासकीय स्कूल है जहां पर इसका पालन बिलकुल नहीं किया जा रहा है…बल्कि शासकीय स्कूल मनमर्जी से चल रहा है…और बच्चो की शिक्षा पर इसका क्या असर पड़ेगा आपW तस्वीर देख कर समझ सकते है….
दरसल हम बात कर रहे है बिलासपुर शहर से लगे ग्राम लोखंडी की..जो तखतपुर अंतर्गत आता है..यहाँ के बारे में जब हम आपको बतायेंगे और तस्वीर को साझा करेंगे तो आप खुद समझ जायंगे की वाकई में मामला कितना गंभीर है…आपको बता दे शासकीय प्राथमिकW शाला स्वर्ण जयंती नगर लोखंडी में स्कूल की हालात एकदम देखने लायक है..जिसे देखकर आपको भी शर्म आ जायेगी….इस स्कूल में गंदगी का आलम इस कदर बना हुआ है…की अगर आप किचन और शौचालय को देख ले तो नही देख पाएंगे….
मेनू के अनुसार नहीं मिलता खाना
आज मंगलवार है जिसके कारण इस स्कूल में चांवल ,दाल, पापड़,आचार और पंचरत्न दाल मिलना था…लेकिन स्कूल के बच्चो को चांवल दाल और लौकी की सब्जी रोज दे रहे है…ऐसा परिजनो और स्कूलों बच्चो का कहना है…जिसके कारण बच्च्चे बेमन से खाना खाते है….कभी कभी तो यह होता है की चांवल और दाल में कंकड़ तक मिल जाता है…बावजूद इसके स्कूल की प्रधान पाठिका नजरअंदाज करती है….
स्कूल बना गन्दगी का आलम
इस शासकीय स्कूल मे गंदगी और बदबू का आलम बना हुआ है…शौचालय में साफ़ सफाई नहीं होने से कोई स्कूल का शौचालय जाना पसंद नहीं कर रहा है…इतना ही नही शौचालय को ताला लगाकर रखा जाता है…लेकिन आज मीडिया को देखकर शौचालय का ताला खोला गया…जो अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह है….और यह सोचने वाली बात है की आखिर ऐसा क्यों…?
शिक्षा के नाम पर टाइमपास
स्कूल को शिक्षा का मन्दिर कहते है…जहा पर स्कूली बच्चे अपना भविष्य तय करते है…लेकिन इस स्कूल में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है….आप इस तस्वीर के माध्यम से समझ सकते है की यहां पर क्या पढ़ाया जा रहा होगा…देखिये इस तस्वीर को….
मीडिया से ग्रामीणों ने कहा
लोखंडी के ग्रामीणों ने जब मीडिया को देखा तो एकदम साफ़ आरोप लगाने लगे…ग्रामीणों ने कहा की शिक्षा नाम मात्र का है और शासन के नियम अनुसार भी मध्यान्ह भोजन नहींW दिया जा रहा है..स्कूल में पूरी तरह से मनमानी की जा रही है…शिक्षक भी अपनी मर्जी के मालिक है जिनका जब मन करता है तब आते है और चले जाते है….
मीडिया को देखकर भड़कने लगे स्कूल के शिक्षक
ग्रामीणों की सूचना पर स्कूल पहुंचे मीडिया को अचानक देखकर स्कूल के शिक्षक भड़कने लगे…जब उनकी पोल खुली तो घबरा कर उल्टा ग्रामीणों पर ही भड़क गई…देखते ही देखते माहौल गर्मा गया..फिर आनन फानन में व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश की गयी…लेकिन नहीं हो सका…बल्कि ग्रामीणों ने जब आरोप लगाया तो एक नहीं बल्कि कई तरह की पोल पट्टी बताई…
लापरवाह शिक्षको को कोई चिंता नहीं
इस स्कूल में सबसे ख़ास बात यह है कि यहाँ के शिक्षको को स्कूल से कोई लेना देना नहीं है…बल्कि उनको शासन से हर महीने मिलने वाली तनख्वाह से मतलब है…जिसके कारण शिक्षा के मंदिर में पढ़ने वाले बच्चो से कोई मतलब नहीं रहता है…