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हाईकोर्ट में याचिका लगा शिक्षक ने बताया एनआईए फंसवाना चाहती है झूठे केस में, एनआईए के तर्क सुन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा मान शिक्षक की याचिका खारिज

नक्सल मामले की जांच के लिए एनआईए ने उपकरण और मोबाइल जप्त किए थे। जिसकी वापसी के लिए शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका लगा बताया था कि उन्हें झूठे नक्सल मामले में फंसाने की कोशिश एनआईए कर रही है। एनआईए ने बताया कि जप्त सामानों और सबूतों की जांच से शिक्षक की भूमिका सामने आ सकती है। इसलिए जांच आवश्यक है। तर्कों को सुनने के पश्चात अदालत ने शिक्षक की याचिका खारिज कर दी।

बिलासपुर। एनआईए की जांच और सामान जप्ती के खिलाफ हाईकोर्ट में शिक्षक ने याचिका लगाई थी। याचिका में बताया गया था कि नक्सल मामले की जांच के दौरान एनआईए ने उनकी पत्नी के मोबाइल और निजी डिवाइस जप्त कर लिए हैं। जिसकी वापसी की मांग को लेकर लगाई गई याचिका में यह भी शिक्षक ने बताया कि एनआईए उन्हें नक्सल संबंधी झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रही है। एनआईए के तर्कों को सुनने के बाद इसे राष्ट्रीय हित का मुद्दा मानते हुए कहा कि इसकी जांच बहुत जरूरी है,जांच को बाधित नहीं किया जा सकता,न ही जांच के दौरान सामान लौटाने का निर्देश दिया जा सकता। इसके साथ ही शिक्षक की याचिका खारिज कर दी गई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डीबी में हुई।

मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के बाजार पारा, मानपुर में पदस्थ प्राइमरी स्कूल शिक्षक अंगद सिंह सलामे ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके स्पेशल कोर्ट, एनआईए रायपुर के 24 अप्रैल 2024 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। बताया कि बिरझू राम ताराम की हत्या के बाद उन्हें झूठे नक्सली मामलों में फंसाने का प्रयास किया गया है। एनआईए ने बिना पूर्व सूचना के कई बार उससे पूछताछ की, यहां तक कि उनकी पत्नी के निजी मोबाइल व अन्य डिवाइस भी जब्त किए। आरोप लगाया कि एजेंसी ने उससे एक संदिग्ध नक्सली की आत्मसमर्पण कराने की मांग की गई और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई दावा किया कि छापे के दौरान न केवल उसके डिवाइस जब्त किए गए।

एनआईए ने कहा- शिक्षक के खिलाफ सबूत:–

एनआईए की तरफ से एडवोकेट बी. गोपा कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से शिक्षक के शामिल होने की संभावना है। जब्त सामान जांच के लिए बहुत आवश्यक हैं।

हाई कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा:–
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा है कि छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित राज्य है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौतियां हैं। केंद्र व राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सली गतिविधियों से मुक्त हरसंभव प्रयास कर रही है। नक्सल गतिविधियों से राज्य की आंतरिक सुरक्षा के साथ आम लोगों को भी खतरा है। इससे राष्ट्रीय हित भी प्रभावित होता है, इसलिए वर्तमान जांच को बाधित नहीं किया जा सकता।

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