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17 दिवसीय गणगौर उत्सव का किया जा रहा विधिवत पूजन….कहा,गणगौर राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है….

खासखबर बिलासपुर / “गण” भगवान शिव का पर्याय है और “गौरी” या “गौर” का अर्थ देवी पार्वती है, जो भगवान शिव की स्वर्गीय पत्नी हैं।
गणगौर राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
होलिका दहन के दूसरे दिन गोबर के जले हुए बिटकोले की राख में गोबर मिला कर पिंडी तैयार कर उसकी पूजा की जाती हैं। शीतला सप्तमी के दिन कुम्हार के चाक से मिट्टी लाकर पांच मूर्तियां बनाकर उनकी भी पूजा की जाती हैं।


संपूर्ण देश मे राजस्थान की भूमि से जुड़े परिवारों की नवविवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु हेतु तथा कुँवारी कन्याओं द्वारा अच्छे पति हेतु उक्त 17 दिवसीय पूजन किया जाता है। देश के प्रत्येक कोने में रहने वाले राजस्थानियों द्वारा 17 वें दिन चैत्र शुक्ल तृतीया को उल्लास पूर्वक पूजन कर गणगौर की विदाई की जाती हैं।


शुभमविहार स्थित जे पी हाईट्स निवासी निशा ललित अग्रवाल की पुत्रवधू हनी मयंक अग्रवाल द्वारा 17 दिवसीय गणगौर उत्सव का विधिवत पूजन किया जा रहा हैं। इस उपलक्ष्य में आज जे पी हाईट्स में गणगौर की बनोरी निकाली गई।

जिसमें निशा अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, हनी अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सविता अग्रवाल, कविता अग्रवाल, मीना केडिया, अंतिमा अग्रवाल, अन्नू केडिया, पिंकी अग्रवाल सहित बड़ी सँख्या में उपस्थित महिलाओं व युवतियों ने नाच गाने के साथ गणगौर की पूजा की।

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