एनपीएस और ओपीएस नए और पूर्व सरकार के बीच डोलते कर्मचारी – सुनील यादव
खासखबर बिलासपुर /
प्रदेश महामंत्री सुनील यादव ने कहा की ओपीएस के बजाय एन पी एस सही या या ज्यादा कारगर है इस बात को लेकर शासन की मंशा व कर्मचारियों के बीच कंफ्यूसिन कि स्थिति बनी हुवी है। सबसे ज्यादा नुकसान उन कर्मचारियों को हो रही है जो सेवा निर्वित हो रहे है या मृत..
पुरानी पेंशन योजना देश के केवल कुछ एक राज्यो में है जिसमे पश्चिम बंगाल, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में ही है। शेष राज्यो में पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन चलाये जा रहे है। केंद्र सरकार का अपना अलग नजरिया है जिसमे वे देश की जीडीपी व आर्थिक स्थिति का हवाला देकर पुरानी पेंशन को बहाल नही करने की दिशा में है वही एन पी एस ज्यादा कारगर है यह दिखा रहे है यदि ऐसा है तो तो राज्य व केंद्र के सभी वर्गों जिन्हें पेंशन की पात्रता बनती है उन्हें एक ही पेंशन दिया जाना चाहिए जबकि देश के राजनीति में रहने वाले विधायको ,सांसदों को पुरानी पेंशन देकर उनके बुढ़ापे को सुरछित किया जा रहा है वही कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में अधिक रिटर्न मिलने की बात की जाती है। जो लोग रिटायर हुवे है उन्हें वर्तमान में इतना भी राशि नही मिल पाता है जिनसे वे अपने 15।दिन का खर्च की।पूर्ति कर सके ऐसे में इन पी एस कहा फायदेमंद है ये बात समझ नही आती है।
कर्मचारियों के माह के पेंशन के नाम पर प्रति माह बचत राशि को मार्केट के उतार चढ़ाव की भेंट चढ़ा रहे है जब मार्केट में उछाल आता है तब जमा राशि पर ब्याज वही मिलेगा जो एक निश्चित।की जाती है अधिक राशि का प्रभाव जमा पूंजी पर नही होता है। कुल जमा राशि एक मुश्त एक निश्चित प्रतिशत मिलेगा उसके बाद जो राशि बच जाएगी उसी का ब्याज आपको पेंशन के रूप में दी जावेगी जो कि अत्यधिक जोखिम भरा हुवा है ।
हम कर्मचारियों के इन पी एस का जमा राशि जब केंद्र सरकार से मिलेगी तो उसका आधा पैसा राज्य सरकार रखेगी और आधे को जीपीएफ बनाकर जमा करेगी इस प्रक्रिया में पेंच है।
कर्मचारी को वर्तमान समय मे कुछ समझ नही आ रहा है वर्तमान समय मे उनके कटौती का पैसा कहा जमा हो रहा है , और।पुराने जमा की राशि का क्या हो रहा है। विधान सभा मे कुछ नेताओं ने कर्मचारियों के बुढ़ापे की चिंता करते हुवे प्रश्न लगाए है किंतु दिया गया जवाब संतोषप्रद नही लग रहा है।
हम कर्मचारियों के हित मे शासन को पुरानी पेंशन दिए जाने हेतु स्पष्ट निर्णय लेकर नए जीपीएफ खाते का संधारण किये जाने हेतु आदेश प्रसारित किया जाना चाहिए व वर्तमान में जो सेवा निर्वित हो रहे है या मृत हो रहे है उनको पुरानी पेंशन योजना जो कर्मचारियों का हक अधिकार है दिया जाना चाहिए और न्यूनतम पेंशन में उन्हें पेंशन निर्धारित किये जाने शासन की ओर से स्पष्ट आदेश प्रसारित किया जाना चाहिए।
नए सरकार के बैठने से कर्मचारियों में आशा की एक नई किरण उम्मीद जगी है कि राज्य व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार है तो उन्हें समय से महंगाई भत्ता मिलेगा,पेंशन योजना का लाभ मिलेगा, मृत कर्मचारियों को निशर्त अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी,उनके वेतनमान में सुधार होगा, चिकित्सा भत्ता में बढ़ोतरी होगी, एक निश्चित अवसर पर पदोन्नति का लाभ मिलेगा। शासन व कर्मचारियों के बेहतरी की दिशा में कब शासन निर्णय लेकर शासन की योजनाओं को अमली जामा पहनाने वाले राज्य को उपलब्धियो के शिखर पर पहुचने नींव का ईट बनने वाले कर्मचारियों को आंदोलन करने मजबूर न होना पढ़े ये सब वर्तमान शासन के नेक नियति पर निर्भर करता है।